इन दिनों जहां देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव की सरगर्मियां हैं वहीं एमपी की राजधानी भोपाल में प्रदेश बीजेपी के नए मुखिया के नाम के कयास लगाए जा रहे हैं। नित नए नाम नए समीकरणों के साथ सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में 2 या 3 दिनों में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। इसके लिए प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा तैयारियों में लगे हैं।
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प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पद के दर्जनभर प्रमुख दावेदारों के बीच पिछड़ा वर्ग ने भी अपना दावा ठोंक दिया है। प्रांतीय कुशवाहा समाज ने इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। कुशवाहा समाज के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा ने बताया कि पत्र में मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग की संख्या को ध्यान में रखते हुए इसी वर्ग से नया प्रदेशाध्यक्ष बनाने की मांग की गई है।
कुशवाहा समाज के पत्र में कहा गया है कि एमपी में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या 52 प्रतिशत से अधिक है। इनमें से अधिकांश बीजेपी के परंपरागत समर्थक हैं। पिछड़ा वर्ग के समर्थन से ही प्रदेश में बीजेपी की सरकार लगातार बनती रही है। ऐसे में इतनी बड़ी आबादी का पार्टी में प्रमुख पद पर प्रतिनिधित्व जरूरी है।
बीजेपी में पिछड़े वर्ग के कई वरिष्ठ नेता हैं। इनमें से कुछ नेता तो जनसंघ के जमाने से सक्रिय हैं। कुशवाहा समाज का यह भी कहना है कि अगर पिछड़ा वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो प्रदेश की 52 प्रतिशत आबादी खुद को उपेक्षित महसूस करेगी। पत्र में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का उल्लेख करते हुए कुशवाहा समाज ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनकी मांग को गंभीरता से लेकर पिछड़ा वर्ग के हित में सकारात्मक निर्णय लेने की आशा जताई है।