मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद यूके, जर्मनी व जापान जाकर वहां के निवेशकों को न्योता दे चुके हैं। अब अन्य देशों के प्रमुखों को न्योता देने राज्य के आइएएस अधिकारियों का दल जाएगा। ज्यादातर को न्योता भेजा जा रहा है।
लाखों-करोड़ो के निवेश की आस
मोहन सरकार को जीआइएस से लाखों करोड़ के निवेश की उम्मीद है। अधिकारियों का कहना है कि मप्र के पास हर क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावनाएं हैं। यह निवेशक जानते हैं इसलिए अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। ये भी पढ़ें:
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जीआइएस मानव संग्रहालय परिसर में होगी। पीएम मोदी 24 फरवरी को शुभारंभ करेंगे। इसमें 21 हजार निवेशकों के शामिल होने का अनुमान है। ज्यादातर अलग-अलग राज्यों के होंगे तो 1500 से ज्यादा निवेशक 61 देशों के आएंगे।
और बढ़ सकती है संख्या
सरकार की ओर से जिन देशों के उद्योगपतियों को बुलावा भेजा जा रहा है उनमें कनाडा, जर्मनी, जापान, पोलैंड, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, आयरलैंड, यूके, इटली, स्लोवेनिया, कोरिया, हांगकांग, थाईलैंड, रोमानिया, श्रीलंका, टोगो, मलेशिया, मंगोलिया, मोरक्को, बुर्किना फासो, यांमार, जबिाब्वे, ताइवान, सिंगापुर, नेपाल, बुल्गारिया, अंगोला, युगांडा, मेक्सिको, उज्बेकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, एस्टोनिया, संयुक्त राज्य अमरीका, साइप्रस, अर्जेंटीना, नाइजीरिया, सऊदी अरब, बहरीन, चेक गणराज्य, कुवैत, ओमान, फिलीपींस, गुयाना और स्वीडन जैसे अन्य देश शामिल हैं। अफसरों का कहना है कि अन्य देशों के निवेशकों से बातचीत चल रही है। सहमति बनी तो संख्या 61 से ज्यादा हो सकती है।