सीएम को याद आया बचपन, बोले- आज लैपटॉप ही असली ट्रॉफी, 94, 234 स्टूडेंट्स को बांटी खुशियां
मध्य प्रदेश के 94 हजार 234 बच्चों के खातों में लैपटॉप की राशि अंतरित, सीएम ने सरकारी स्कूलों के रिजल्ट पर जताया गर्व, बोले इस बार भी बेटियां आगे, लड़कों को दी चुनौती, अपनी स्थिति सुधारो, बेटियों से आग्रह, और मेहनत करो और आगे बढ़ो…
MP CM Mohan Yadav: कुशाभाऊ सभागार में मेधावी छात्र लैपटॉप योजना के तहत सीएम मोहन यादव ने स्टूडेंट्स के खातों में अंतरित की प्रोत्साहन राशि, सरकारी सकूल के रिज्ट के आंकड़े पढ़ते खुश नजर आए सीएम (फोटो सोर्स: पत्रिका)
MP News: मध्य प्रदेश के प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स के लिए आज का दिन खास रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25-25 हजार रुपये की राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की। इस दौरान जहां वे बच्चों को मोटिवेट करते दिखे, वहीं सरकारी स्कूल के रिजल्ट के आंकड़ों पर गर्व जताया। रिजल्ट पढ़ते हुए सीएम मोहन यादव मुस्कुराते नजर आए, उन्हें अपने बचपन की याद आ गई।
बोले- ट्रॉफी देखते ही माताजी कहती थीं ये क्या ले आया…
उन्होंने कहा कि हमें प्रोत्साहन के रूप में ट्रॉफी मिलती थी। तब घर आते ही माता जी कहती थीं ये क्या ले आया.. ट्राफी का ये सिलसिला, हमारे सरकारी स्कूल से लेकर कई पदों पर रहते हुए भी मैं हमेशा ट्रॉफी लेकर ही घर पहुंचा हूं। आज मां की बात याद आ गई। जब मुझे पुरस्कार मिलता था, तो सर्टिफिकेट के साथ ट्रॉफी मिलती थी, कई सरकारी पदों पर रहा हूं, घर में जब भी आता तो माता जी कहतीं कि तू ये फालतू के आइटम ले आता है, ना काम में आता है, ना कुछ, पैसा क्यों बिगाड़ते हैं, देना है तो किताब कॉपी, भगवान का दीपक दें दें, ऐसा कहती थीं। आज ये लैपटॉप असली ट्राफी है। मेहनत से 75 फीसदी से ज्यादा नंबर लाए, किताब का जो काम और आनंद आता है उससे बढ़कर कहीं नहीं।
2009-210 में शुरू हुई थी स्कीम
सीएम ने कहा कि ये योजना पहली बार 2009-2010 में शुरू की गई थी, तब 473 को पहली बार लाभ मिला था। लेकिन अपनी सरकार के रहते रहते 15 साल में आंकड़ा बदला और 94 हजार से ज्यादा को लेपटॉप मिल रहा है। आज जितने स्टूडेंट्स 15 साल 4 लाख 1532 को मिला लाभ, एक हजार 80 करोड़ 4 लाख की राशि 15 साल में खर्च की गई है। कितनी बड़ी योजना है।
डॉक्टर बनने के लिए सरकार दे रही 80 लाख, लोन भी होगा माफ
जो डॉक्टर बनना चाहते हैं, पूरी फीस सरकार दे रही है। केवल योग्यता के बल पर, 80 लाख के बल पर प्रदेश की सेवा का रास्ता दिखा रही है हमारी सरकार। डॉक्टर बनने के बाद उसे शासन में मेडिकल ऑफिसर बना रहे हैं, पांच साल की सेवा के बाद लोन की ये राशि माफ कर दी जाएगी। दो साल में 50 मेडिकल कॉलेज खोलेंगे, डॉक्टर्स की वेकेंसी निकलेगी। बच्चों को पढ़ाने का संकल्प ऐसे ही तो आगे बढ़ेगा।
अब एमपी में नहीं होंगे कुलपति, कुलगुरु रखा है नया नाम
सीएम ने कहा कि 10 जुलाई को हम सभी गुरुपूर्णिमा मनाएंगे। गुरु का अर्थ होता है, अंधेरे से रोशनी की ओर ले जाने वाला। ऐसे में कुलपति शब्द से बेहतर है कि, कुलगुरू कहा जाए। इसलिए मैंने कुलपति को कुलगुरु शब्द दिया है।
500 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने लिया भाग
बता दें कि मेधावी छात्र लैपटॉप स्कीम का ये प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया। इसमें प्रदेशभर के 500 से अधिक छात्र-शिक्षक भाग लिया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भी किया गया। जहां जनप्रतिनिधि और मंत्रिगण विद्यार्थियों की उपलब्धियों की सराहना करते दिखे।
इस वर्ष 94,234 विद्यार्थियों को 235 करोड़ 58 लाख 50 हजार रुपये की राशि देकर प्रोत्साहित किया गया। इससे पहले वर्ष 2023-24 में 89,710 छात्रों को 224 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी गई थी।