मध्यप्रदेश में केंद्र की विशेष सहायता से वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी। लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाओं के चलते सरकार को हर माह करीब डेढ़ हजार करोड़ का खर्च करने पड़ रहे हैं। केंद्रीय सहायता मिलने से खजाने पर बोझ कम होगा। केंद्र ने 50 साल के लिए ब्याज मुक्त ऋण पर अतिरिक्त कर्ज लेने की सुविधा भी दी है।
कर्ज एफआरबीएम की तीन प्रतिशत की लिमिट से 0.5 फीसदी ज्यादा होगा। केंद्रीय बजट में सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना की घोषणा की गई है। योजना आकांक्षी जिलों में शुरू होगी। इसमें एमपी के 8 जिले शामिल हैं। खासतौर पर किशोरी बालिकाओं के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी। राज्य में युवा, नारी, किसान और गरीब मिशन पर काम हो रहा है। बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। इसलिए इस वर्ग के लिए बजट बढ़ाया जा रहा है।
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केंद्रीय बजट में मेडिकल सीटें बढ़ाने की बात कही गई है। अगले एक साल में मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 21 हो जाएगी। 12 नए कॉलेज खुलने से 2,000 अतिरिक्त सीटें मिलेंगी। अगले तीन सालों में हर जिले में कैंसर सेंटर खोलने की योजना की घोषणा की गई है, जिससे मध्य प्रदेश को भी एक कैंसर सेंटर मिलने की संभावना है। देश में 200 डे केयर सेंटर खोले जाएंगे। एमपी को भी कुछ सेंटर मिल सकते हैं।
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जल जीवन मिशन की मियाद 2028 तक कर दी गई है। इससे मप्र को अतिरिक्त 20 हजार करोड़ मिल सकते हैं। यह राशि जल आपूर्ति योजनाओं को तेजी से लागू करने में सहायक होगी। 36 लाख घरों में नल से जल पहुंचाने की उम्मीद अब और बढ़ गई है। बजट की कमी के चलते बाधा आ रही थी।