अभी शहर में तीन स्थानों पर बोर्ड रियल टाइम मॉनिटरिंग कर रहा है। इनकी लागत करीब तीन करोड़ है। मॉनिटरिंग के बाद सर्विलांस सिस्टम को भी उपयोग किया जाएगा। इसे पीसीबी ने विकसित किया है। हवा पानी से लेकर साइंस की जांच के साथ आंकड़ों का तुरंत एनालिसिस करने में यह मददगार साबित होगा। पीसीबी ने इस साल सेटेलाइट बेस निगरानी का भी उपयोग किया। यह पराली के लिए इस्तेमाल की गई है।
ब्रजेश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि शहर में हवा पानी की जांच के लिए तकनीक का उपयोग हो रहा है। सर्विलांस सिस्टम के लिए राजधानी में अलग डिवीजन तैयार की गई है। इस सिस्टम के सहारे रियल टाइम आंकड़ों के साथ ही एआइ मॉनिटरिंग भी होगी। आंकड़े जल्द और स्पष्ट मिलेंगे।
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क्या है सर्विलांस सिस्टम
अधिकारियों के मुताबिक यह एक डाटा कलेक्शन सेंटर है। इससे हवा, पानी और ध्वनि की जांच कर रहे हैं। औद्योगिक निगरानी, सार्वजनिक जानकारी जोड़ी जा रही है। ये एनालिसिस करेगा। जानकारों के मुताबिक उन कारणों का पता लगाना आसान होगा जो प्रदूषण के लिए जिमेदार हैं।
अभी चार स्थानों पर मैन्युअल जांच, ये भी जुडे़ंगे
वर्तमान में राजधानी में सात स्थानों पर जांच हो रही है। इनमें तीन रियल टाइम हैं, जबकि चार मैन्युअल हैं। मैन्युअल जांच में एक औद्योगिक क्षेत्र हैं।