मां से बिछड़ गया था
शेरुवाला की रोही में करीब 10 माह पहले एक हिरण का नन्हा बच्चा अपनी मां से बिछड़ गया था और रोही में रोने लगा था। इस पर शकीना को आवाज सुनाई दी, तो पहले बच्चे की मां को तलाशने का प्रयास किया, लेकिन घंटों इंतजार के बाद बच्चे को घर ले आई और लालन पालन शुरू कर दिया।
चौथे बेटे का दिया नाम
शकीना के तीन पुत्र है और हिरण के बच्चे को पालने के दौरान इतना लगाव हो गया कि उसे अपने चौथे बेटे का नाम दे दिया और नाम रखा सद्दाम। शकीना ने बताया कि सद्दाम नाम लेते ही हिरण का बच्चा भागते हुए पास आ जाता था और घर में बच्चों के साथ खेलता रहता और परिवार का सदस्य बन गया।
अलग होने पर नम आंखें
दस माह बाद अब हिरण का बच्चा इंसानों के साथ रहने पर कुत्तों के पास भी जाने लगा और खेलते खेलते जंगल में दूरी तक चला जाता था। उसकी सुरक्षा को देखते हुए शकीना के कहने पर उसके पुत्र जुमे खां ने जीव प्रेमियों से संपर्क किया और जब जीव प्रेमी की टीम नोखा के मुकाम में हिरणों के साथ छोड़ने के लिए रवाना हुई, तो शकीना व अन्य की आंखें नम हो गई।