scriptसुरक्षा को ठेंगा: बैरक की दीवार से ईंटे निकाली, बैरक से बाहर भी निकल गए, भागने से पहले ही दबोच लिए गए तीन बंदी | Security was flouted: They took out bricks from the barrack wall, even went out of the barrack, three prisoners were caught before they could escape | Patrika News
बीकानेर

सुरक्षा को ठेंगा: बैरक की दीवार से ईंटे निकाली, बैरक से बाहर भी निकल गए, भागने से पहले ही दबोच लिए गए तीन बंदी

तीनों बंदी कारागार की छत पर बनी पानी की टंकी के पीछे जाकर छिप गए। रात करीब दो बजे सुरक्षा प्रहरी ने बैरक की ईंटें निकली देखीं, तो अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया।

बीकानेरOct 03, 2024 / 01:37 am

Brijesh Singh

बीकानेर केन्द्रीय कारागार से मंगलवार रात को तीन विचाराधीन बंदियों ने भागने का प्रयास किया। बैरक की दीवार के नीचे से ईंटे निकाल कर वे कारागार की छत तक पहुंच गए। सुरक्षा प्रहरी ने बैरक की दीवार की ईंटे निकली देखीं, तो सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया। करीब एक घंटे बाद ही तीनों बंदियों को पकड़ लिया गया।
जानकारी के अनुसार, कारागार के बैरक नंबर आठ के बैरक संख्या 30 में बंदी हाजी पुत्र हाजी मोहम्मद, नूर नबी पुत्र याअली, मोहम्मद सलाम पुत्र सुबा सादक बंद थे। मंगलवार शाम छह से रात दो बजे के बीच तीनों ने मिलकर बैरिक संख्या 30 के जंगले के नीचे दीवार की ईंटे निकाल लीं और बाहर आ गए। तीनों बंदी कारागार की छत पर बनी पानी की टंकी के पीछे जाकर छिप गए। रात करीब दो बजे सुरक्षा प्रहरी ने बैरक की ईंटें निकली देखीं, तो अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों को अलर्ट किया।
पानी की टंकी के ढक्कन और नुकीले पत्थर से तोड़ी दीवार

जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि बैरक से पानी की प्लास्टिक वाली टंकी के ढक्कन का टुकड़ा और नुकीला पत्थर मिला है। इन दोनों चीजों से बंदियों ने दीवार की ईंटे निकालीं। बंदियों ने बैरक के सामने वाली ही दीवार की ईंटों को निकाला था। इन तीनों को पूगल पुलिस ने चोरी के मामले में पकड़ा था। दो दिन पहले ही पुलिस ने बंदियों को कारागार दाखिल करवाया था।
ऐसे दबोचे गए

बंदियों के फरार होने की सूचना पर जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल एवं जेलर देर रात को ही मौके पर पहुंच गए। सर्च अभियान चलाया गया। करीब 20 मिनट बाद ही तीनों बंदियों को कारागार की छत पर बनी पानी की टंकी के पीछे से खोज निकाला गया। बीछवाल एसएचओ गोविंद सिंह चारण ने बताया कि बंदियों के खिलाफ सुरक्षा प्रहरी अनिल कुमार राजपूत की रिपोर्ट पर बीछवाल थाने में मामला दर्ज किया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

जहां से बंदी भागे, उन बैरकों के पास सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी रहती है। बंदियों ने दीवार की ईंटें निकालीं, तो किसी को भनक तक क्यों नहीं लगी? उनके पास औजार कहां से आए? बंदियों ने दीवार से ईंटें निकालने में डेढ़-दो घंटे का समय लिया होगा, इसके बावजूद किसी को पता क्यों नहीं चला? बंदी बैरक से निकल कर छत तक कैसे पहुंच गए? इन सारे सवालों के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हो गए हैं।

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