स्व. शुक्ल के पुत्र डॉ. प्रदीप शुक्ला ने इस खुलासे के बाद सरकंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराई और सीएमएचओ से शिकायत की। सीएमएचओ ने आरोपी डॉक्टर के बायोडाटा, डिग्री और इलाज का पूरा ब्यौरा अपोलो प्रबंधन से मांगा। टीम ने इलाज से संबंधित एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी की सीडी की मांग की थी, लेकिन अस्पताल ने यह कहकर असमर्थता जताई कि उस समय सीडी नहीं बनाई गई थी।
अब जांच दस्तावेजों के आधार पर आगे बढ़ रही है। जांच टीम में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. बीएल बंसल, सिम्स के मेडिसिन सहायक प्राध्यापक डॉ. नवनीत अग्रहरि और नोडल अधिकारी डॉ. विजय मिश्रा शामिल हैं। टीम को 10 मई तक जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमएचओ ने मांगी जांच रिपोर्ट
सीडी न मिल पाने के बाद अब स्व. शुक्ल का उस समय क्या-क्या इलाज हुआ, कैसे हुआ, टीम इसकी दस्तावेजी आधार पर ही बारीकी से जांच कर रही है। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी से 10 मई तक इसकी रिपोर्ट सौंपने टीम को निर्देश दिए हैं।
अपोलो प्रबंधन ने डॉ. नरेंद्र के फैलोशिप डिटेल के साथ ही स्व. शुक्ल के अपोलो में हुए संपूर्ण इलाज की जानकारी भेजी थी। इसकी जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने एंजियोप्लास्टी व एंजियोग्राफी सहित अन्य इलाज की वीडियो सीडी मांगी थी। इस पर प्रबंधन ने सीडी नहीं बनाने की असमर्थता जताई। लिहाजा अब टीम दस्तावेजी आधार पर ही जांच में जुटी हुई है। 10 मई तक इसकी रिपोर्ट टीम उन्हें सौंप देगी। उसके बाद इस रिपोर्ट को एमसीआई के पास भेजा जाएगा, वहां वेरीफिकेशन का आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। – डॉ. प्रमोद तिवारी, सीएमएचओ।