जानकारी के अनुसार कोटा के शासकीय प्राथमिक स्कूल औछिनापारा की सहायक शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने अपने मृत पति के स्वत्व भुगतान के लिए आवेदन किया था। विकासखंड शिक्षा कार्यालय के क्लर्क एकादशी पोर्ते ने इस भुगतान के एवज में 1.24 लाख रुपए की रिश्वत मांगी।
नीलम ने 3 मार्च को इसकी शिकायत
कलेक्टर जनदर्शन में की थी। कलेक्टर ने तीन सदस्यीय टीम से जांच करवाई। 21 मार्च को सौंपी जांच रिपोर्ट के आधार पर क्लर्क एकादशी पोर्ते और बीईओ विजय टांडे दोषी पाए गए। जांच में दोनों ने मिलकर करीब डेढ़ माह तक भुगतान रोक रखा था। इस आधार पर कलेक्टर ने एकादशी पोर्ते को तत्काल सस्पेंड कर दिया है।
बीईओ विजय टांडे को उनके पद से हटाकर शासकीय हाईस्कूल खुरदुर में प्राचार्य के रूप में अटैच कर दिया है। बीईओ पद पर खुरदुर के प्राचार्य नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा को पदस्थ कर पूरे मामले की विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।
लेन-देन पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. अनिल तिवारी ने बताया कि कलेक्टर के आदेश पर विजय टाण्डे को हटाकर नई पदस्थापना दी गई, जबकि लिपिक एकादशी पोर्ते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि किसी भी अधिकारी-कर्मचारी द्वारा स्वत्व भुगतान में देरी या अवैध लेन-देन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।