पुलिस ने जब इस मामले की बारीकी से जांच की तो सारी सच्चाई सामने आ गई। खुलासा होने के बाद मृतक के परिजनों, वकील और डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है। उक्त मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि सर्प दंश का एक मामला 12 नवंबर 2023 को आया था।
बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पोड़ी निवासी शिवकुमार घृतलहरे (36) की तबीयत खराब होने पर पहले उसे बिल्हा स्थित सीएचसी में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार न होने पर उसे सिम्स रेफर कर दिया गया था। यहां भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। तब उसके मुंह से झाग निकल रहा था और उल्टियां भी हो रही थीं। इलाज के दौरान 14 नवंबर को उसकी मौत हो गई थी।
Snakebite Compensation Scam: जब शव का पोस्टमार्टम हुआ, तब परिजनों ने मौत की वजह सर्पदंश बताई। पोस्टमार्टम करने वाली सिम्स की डॉ. प्रियंका सोनी ने भी उसी आधार पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर दी। लेकिन, जब पुलिस ने जांच की, तब पता चला कि शिवकुमार ने शराब के साथ जहर पीकर सुसाइड किया था। जांच में पता चला कि शिवकुमार कर्ज से परेशान था, इस वजह से उसने आत्महत्या की थी।
एसएसपी ने कहा-षडयंत्र का मास्टर माइंड वकील कामता साहू
एसएसपी ने बताया कि मामले की जांच और पूछताछ में पता चला कि इस षड़यंत्र का मास्टर माइंड वकील कामता साहू है। परिजनों से मिलकर उसने शासन से 3 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की साजिश रची। इसके लिए उसने परिजनों को सर्प दंश से मौत होने का बयान देने, डॉक्टर प्रियंका सोनी से उसी अनुरूप पीएम रिपोर्ट तैयार कराने का षड़यंत्र रचा।
जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में सकरी थाना क्षेत्र के पेंडारी निवासी वकील कामता साहू 36 वर्ष, सिम्स की फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका सोनी, मृतक के पिता पराग दास घृतलहर 66 वर्ष, भाई हेमंत कुमार घृतलहरे 34 वर्ष, पत्नी नीता घृतलहरे 35 वर्ष के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
Snakebite Compensation Scam: ऐसे शुरू हुई जांच
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बिलासपुर जिले में सर्पदंश से मौत के मामले को उठाया था। उन्होंने बताया था कि छत्तीसगढ़ में नागलोक के नाम से प्रसिद्ध तपकरा की तुलना में बिलासपुर में चार गुना अधिक मुआवजा वितरण किया गया है। तपकरा में एक साल में सर्पदंश के 100 से कम मामले दर्ज हुए। जबकि बिलासपुर जिले में इसी अवधि में 480 प्रकरणों में मुआवजा वितरण किया गया।
इस पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए बुधवार को राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जिले के राजस्व अफसरों की बैठक ली थी, जिसमें उन्होंने विभागीय कामकाज की समीक्षा करते हुए उक्त मामले में सक्रिय गिरोह की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस ने ऐसे ही एक प्रकरण में वकील, डॉक्टर और मृतक के परिजन के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।