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कैसे रखे पशुओं की सेहत का ध्यान, अनुदान राशि में 15 फीसदी बढ़ाकर की इतिश्री

एक बार फिर सरकार ने गोवंश के चारे-पानी व्यवस्था के लिए अनुदान में की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। बढ़ती महंगाई के दौर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोवंश के चारे पानी के लिए बढ़ाए 15 फीसदी बजट घोषित कर इतिश्री कर ली है।

बूंदीMar 01, 2025 / 11:52 am

Narendra Agarwal

कैसे रखे पशुओं की सेहत का ध्यान, अनुदान राशि में 15 फीसदी बढ़ाकर की इतिश्री

गोवंश

बूंदी.एक बार फिर सरकार ने गोवंश के चारे-पानी व्यवस्था के लिए अनुदान में की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। बढ़ती महंगाई के दौर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गोवंश के चारे पानी के लिए बढ़ाए 15 फीसदी बजट घोषित कर इतिश्री कर ली है। गोशाला प्रबंधन का कहना है कि इस मंहगाई के दौर में कैसे पशुओं की सेहत का ध्याय रखें। सरकार थोड़ा-थोड़ा करके हर वर्ष बजट बढ़ाती है, लेकिन इस राशि में गोवंश की सेहत का कैसे ध्यान रखे।
प्रदेश में 10 हजार से अधिक पंजीकृत गोशाला है। इधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बजट घोषणा में बढ़ा हुआ अनुदान मिलने को लेकर फिलहाल अभी कोई गाइडलाइन नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि मार्च के बाद यह राशि मिलेगी।
राज्य सरकार ने इस बजट में पात्र गोशालाओं में रह रहे गोवंश के चारे-पानी की व्यवस्था के लिए अनुदान राशि में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे गोवंश के लिए अब चारा-पानी व छाया आदि की व्यवस्था पहले से ओर सु²ढ़ हो सके। यह राशि पंजीकृत गोशालाओं में संधारित गोवंश के लिए होगी। ऐसे में अनुदान राशि में बढ़ोतरी के बाद अब बड़े गोवंश को 50 रुपए और छोटे गोवंश को 25 रुपए मिलेंगे। अनुदान राशि में बढ़ोतरी करने से जिले की पात्र 18 गोशालाओं में पल रहे करीब 4 हजार 931 गोवंश लाभांवित होंगे। इधर गोशाला संचालकों का कहना है कि चारा सरकार की राशि में पौसाता ही नहीं है। बाजार में 10 रुपए में तीन पुले चारे के मिलते है। इसके अलावा पानी-छाया और फिर बाजरे की व्यवस्था हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में कैसे पूर्ति हो सकेगी।
पहले जांच, फिर मिलती है राशि
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अनुदान देने से पहले गोशालाओं की जांच की जाती है। इसके लिए एक कमेटी भौतिक सत्यापन करती है। इसके बाद आवेदनों की जांच की जाती हैं। बाद में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला गोपालन समिति की बैठक होती है। गोशालाओं से जुड़े पदाधिकारियों को भी इसमें बुलाया जाता है। उसमें रिपोर्ट के आधार पर गोशालाओं को अनुदान जारी किया जाता है।
बजट नाममात्र
बजट में सरकार ने अनुदान में बढ़ोत्तरी के साथ ही गोवंश के स्वास्थ्य वर्धन के लिए सर्दी के मौसम में बाजरा देने की भी घोषणा की है। यह भी गोवंश के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। अब देखना होगा कि इतने कम राशि में एक-एक गोवंश की गोशाला संचालक कैसे पूर्ति कर पाते है। इस राशि में उन्हें चारा-पानी के अलावा छाया और उनकी आवश्यकता के अनुसार कार्य करना होगा।
सरकार ने गोशालाओं की अनुदान राशि में 15 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। अनुदान राशि में बढ़ोतरी के बाद अब बड़े गोवंश को 50 व छोटे गोवंश को 25 रूपए मिलेंगे। जिले की 18 पात्र गोशालाओं में 4 हजार 931 गोवंश लाभान्वित होंगे।
डॉ.रामलाल मीणा, संयुक्त निदेशक,पशुपालन विभाग, बूंदी

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