परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार सुल्तानपुर निवासी ससुराल पक्ष के लोगों से बुलावा आने और साथ में यात्रा पर जाने के लिए प्रदीप सेन अपनी पत्नी अर्चना और दो वर्ष के पुत्र लड्डू के साथ जगन्नाथ पुरी की यात्रा करने के लिए शनिवार को बस से कोटा पहुंच गया था। जहां उसे अपने ससुराल पक्ष के सभी लोग मिल गए।
यात्रा में पत्नी अर्चना की बहनें और उनके पति, बड़ा साला योगेंद्र सेन और सास-ससुर भी शामिल थे, जो सुल्तानपुर से कोटा आ गए थे। सोमवार को जगन्नाथ पुरी पहुंचने पर परिवार जनों के साथ शाम को समुद्र में स्नान करने के लिए गए थे।प्रदीप सेन स्नान के दौरान समुद्र में गहराई की ओर चला गया और समुद्र की लहरों के साथ दूरी पर जाने से समुद्र की लहरों में खो गया। पत्नी अर्चना और परिवार वालो की आंखों के सामने प्रदीप समुद्र में डूब गया।
साथ गए बड़े साले योगेंद्र सेन ने वहा के प्रशासन से संपर्क किया तो गौताखोर की मदद से प्रदीप को ढूंढने का काम शुरू किया गया। सोमवार देर रात्रि को प्रदीप का शव समुद्र में मिला।प्रशासन द्वारा मंगलवार को पूरी के अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया और बुधवार देर शाम को साढ़े सात बजे बाद परिजन शव को लेकर कापरेन पहुंचे।
लहरों में खो गया घर चिराग
प्रदीप अपने माता पिता की इकलौती संतान था।गरीब परिवार से होने के साथ पूरे परिवार की जिमेदारी भी प्रदीप ही उठा रहा था। घर पर ही मोबाइल ठीक करने की दुकान लगाकर पालन पोषण कर रहा था। पिता बंशीलाल तो आसपास के दो तीन गांवों में नाई का काम कर सहयोग कर रहे थे। अचानक बेटे की मौत हो जाने से माता पिता की सारसंभाल लेने वाला कोई नहीं रहा। मातम में बदल गई खुशियां
प्रदीप अपने परिवार के साथ खुशियां मनाने गया था, लेकिन पत्नी और परिवार जनों की आंखों के सामने ही समुद्र में डूबने से प्रदीप की मौत हो गई। सारी खुशियां मातम में बदल गई। पूरा परिवार शोक में डूब गया।