तनाव का बाजार पर असर
पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव ने निवेशकों का भरोसा डगमगाया है। भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाइयों की खबरों ने बाजार में अनिश्चितता को और बढ़ा दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि भू-राजनीतिक तनाव के कारण निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है।
प्रमुख सेक्टर्स में बिकवाली
बैंकिंग, ऑटो, और आईटी सेक्टर के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। निफ्टी बैंक इंडेक्स में करीब 500 अंकों की कमजोरी दर्ज की गई। हालांकि, रक्षा क्षेत्र से जुड़े शेयरों में तेजी देखी गई, क्योंकि तनाव के बीच रक्षा क्षेत्र में निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं। टाटा मोटर्स जैसे कुछ शेयरों में मामूली तेजी देखी गई, लेकिन एचसीएल टेक जैसे दिग्गज शेयर दबाव में रहे।
पाकिस्तान का बाजार में भी गिरावट
भारत-पाक तनाव का असर सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान का कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) भी भारी दबाव में है। 22 अप्रैल के बाद से KSE-100 इंडेक्स में करीब 14% की गिरावट दर्ज की गई है, और गुरुवार को तो ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी।
विशेषज्ञों की राय
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर तनाव कम नहीं हुआ, तो बाजार में और गिरावट देखी जा सकती है। आनंद राठी की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया कि तनाव के बावजूद कुछ सेक्टर्स में स्थिरता बनी हुई है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों को अभी रक्षात्मक रणनीति अपनानी चाहिए। रक्षा, फार्मा, और एफएमसीजी जैसे सेक्टर्स में निवेश सुरक्षित हो सकता है। साथ ही, सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से बाजार को स्थिर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी नजर रहेगी।