नए नियमों के तहत ये है अनिवार्य व्यवस्थाएं
नई शैक्षणिक वाहन नियंत्रण पॉलिसी के अनुसार स्कूलों में चलने वाले पीले रंग के वाहनों में व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस लगाना, साथ ही इन वाहनों में कैमरे और पैनिक बटन की व्यवस्था करना अनिवार्य है। इन ट्रैकिंग डिवाइस का एक्सेस संबंधित आरटीओ, शैक्षणिक संस्थाओं, स्कूलों और अभिभावकों को भी दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्कूल वाहन की अधिकतम गति 40 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, लेकिन अधिकतर स्कूलों में इस नियम की अनदेखी हो रही है।
स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी
शैक्षणिक वाहन नियंत्रण एवं विनियमन योजना 2019 के तहत स्कूल संचालकों और प्रबंधन की जवाबदेही तय की गई है। स्कूलों को अपने वाहनों के संचालकों के साथ सुरक्षा को लेकर लिखित अनुबंध करना अनिवार्य है। इसमें वाहनों की सुरक्षा, गाड़ी की स्थिति, चालक की योग्यता और अन्य सुरक्षा प्रावधानों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक स्कूल को एक ट्रांसपोर्ट मैनेजर नियुक्त करना होगा, जो बच्चों के सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी संभालेगा।
परिजनों के लिए वाहन ट्रैकिंग की सुविधा
नई नीति के तहत, शैक्षणिक वाहनों में ट्रैकिंग उपकरण लगाया जाएगा, जिससे अभिभावक अपनी बच्चों की लोकेशन को ट्रैक कर सकेंगे। इसके अलावा, सभी स्कूल वाहनों को परिवहन कार्यालयों में पंजीकृत कराना अनिवार्य होगा, और कोई भी वाहन 15 साल से पुराना नहीं हो सकेगा। स्कूलों को अपनी बसों पर डायल-100 हेल्पलाइन नंबर लिखने का निर्देश दिया गया है। स्कूल बसों में बच्चों के बस्ते, टिफिन और पानी की बोतल रखने के लिए पर्याप्त स्थान होगा। इसके अलावा, वैन की हार्ड टॉप बॉडी होना जरूरी है, और स्कूल बस चालक का हर साल मेडिकल परीक्षण और आंखों की जांच कराना अनिवार्य होगा। वर्दी पहनना, वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग और धूम्रपान पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
5 साल का अनुभव जरूरी
चालकों के लिए 5 साल पुराना व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है। यदि किसी चालक का दो बार से अधिक रेड सिग्नल पार करने या लेन अनुशासन का उल्लंघन हुआ हो, तो उसे स्कूल वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, चालक की आयु 21 से 60 साल के बीच होनी चाहिए। विशेष रूप से लड़कियों के स्कूल बसों में महिला परिचालक की नियुक्ति की जाएगी। सभी चालक और परिचालकों का पुलिस सत्यापन भी अनिवार्य होगा।
इनका कहना है
शैक्षणिक सत्र को देखते हुए स्कूल बस, वैन की जांच हर साल की जाती है। स्कूल वाहनों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा। नियमों को पालन में कोताही पर कार्रवाई की जाएगी।
बृहस्पति साकेत, ट्रैफिक प्रभारी