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छतरपुर

अब जिला अस्पताल की पैथोलॉजी लैब एनएबीएल मान्यता प्राप्त हुई, मरीजों को मिलेगी अधिक सटीक और विश्वसनीय जांच सेवा

नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है। यह प्रमाणन जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे न सिर्फ मरीजों को उच्च गुणवत्ता की जांच सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि निदान और उपचार की सटीकता में भी सुधार आएगा।

छतरपुरMay 13, 2025 / 10:34 am

Dharmendra Singh

central pathology

सेंट्रल लैब जिला अस्पताल

छतरपुर. स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में छतरपुर जिला अस्पताल ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अस्पताल की सेंट्रल पैथोलॉजी लैब को नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त हुई है। यह प्रमाणन जिले की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे न सिर्फ मरीजों को उच्च गुणवत्ता की जांच सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि निदान और उपचार की सटीकता में भी सुधार आएगा।

स्तरीय जांच सुविधा देने में सक्षम हुए


एनएबीएल मान्यता का अर्थ यह है कि अब छतरपुर अस्पताल की पैथोलॉजी लैब देश के अन्य बड़े मेडिकल संस्थानों की तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम है। मरीजों को जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा होगा और जब उन्हें अन्य संस्थानों में रेफर किया जाएगा, तो वहां उनकी रिपोर्ट दोबारा कराने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे न केवल समय और संसाधनों की बचत होगी, बल्कि मरीजों को मानसिक और आर्थिक राहत भी मिलेगी।

सटीक जांच, आधुनिक उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ से मिली मान्यता


सेंट्रल पैथोलॉजी लैब की प्रभारी डॉ. श्वेता गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएबीएल प्रमाण प्राप्त करना आसान प्रक्रिया नहीं है। इसके लिए लैब को सटीक परीक्षण, उच्च गुणवत्ता के उपकरणों का उपयोग, प्रशिक्षित तकनीशियनों की उपस्थिति और सख्त गुणवत्ता नियंत्रण प्रक्रियाओं पर खरा उतरना पड़ा है। इन सभी मानकों को पूरा करने के बाद ही लैब को यह मान्यता मिली है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में जब मरीजों की रिपोर्ट लेकर उन्हें अन्य बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाता था, तो वहां के डॉक्टर छतरपुर की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते थे और पुन: जांच करवाने की सलाह देते थे। इससे मरीजों को अनावश्यक आर्थिक बोझ उठाना पड़ता था। लेकिन अब एनएबीएल मान्यता मिलने के बाद इस समस्या का समाधान हो जाएगा।

24 घंटे संचालन और कम स्टाफ में भी बेहतर सेवाएं


गौरतलब है कि डेढ़ साल पहले जिला अस्पताल में 24 घंटे लैब सेवा शुरू की गई थी। फिलहाल लैब में प्रभारी डॉ. श्वेता गर्ग के साथ 8 लैब टेक्नीशियन, 3 लैब अटेंडर और अन्य सहायक स्टाफ कार्यरत हैं। सीमित संसाधनों और कम स्टाफ के बावजूद लैब लगातार 24 घंटे सेवाएं दे रही है और हर दिन बड़ी संख्या में सैंपलों की जांच की जा रही है। एनएबीएल मान्यता मिलने के बाद अब लैब में जांचों की संख्या और प्रकार में वृद्धि होगी। इससे जटिल और विशेष प्रकार की बीमारियों की जांच स्थानीय स्तर पर ही संभव हो सकेगी, जिससे मरीजों को अन्य शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में आएगा सुधार


यह मान्यता न केवल अस्पताल की साख को मजबूत करेगी, बल्कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। अधिक से अधिक लोगों को इससे लाभ मिलेगा और विश्वास बढ़ेगा कि छतरपुर जैसे जिले में भी आधुनिक, सटीक और विश्वसनीय जांच सेवाएं मौजूद हैं। छतरपुर जिला अस्पताल की यह उपलब्धि न केवल अस्पताल के लिए, बल्कि समूचे जिले के लिए गर्व की बात है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, लैब स्टाफ और प्रबंधन की यह मेहनत अब आमजन की सेहत सुधारने में मील का पत्थर साबित होगी।

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