इस साल 2025 की शुरुआत में ही नगर निगम की मेयर-इन-काउंसिल की बैठक में आया था कि निगम के आकस्मिक कार्य जैसे फायर, जल प्रदाय, मरम्मत संधारण अंतर्गत वाटर फिल्टर प्लांट (कुलबहरा, अजनिया, जम्होडी पण्डा) के आवश्यक भुगतान करने नगर निगम के पास राशि उपलब्ध नहीं है।
तीन माह से टैक्स की राशि से हर माह वेतन
पिछले दिसम्बर माह में ही निगम के हालात बिगड़ गए थे। इसका कारण निगम को 1.50 करोड़ रुपए के स्थान पर केवल 29 लाख रुपए की चुंगी क्षतिपूर्ति राशि मिलना था। इसके चलते कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिल सकी। जनवरी में कर्मचारियों को हड़ताल तक करनी पड़ी। फिर निगम की टैक्स वसूली से कर्मचारियों की तनख्वाह हो सकी। फिलहाल टैक्स राशि से ही निगम की तनख्वाह की जा रही है। मई की चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि सरकार ने अब तक नहीं दी है।कहीं नहीं बन पा रहे सडक़, पुल-पुलिया और नाली
इस वर्ष 2022 से लगातार पूरी पंचवर्षीय में हर पार्षद अपने वार्ड में एक सडक़, नाली और पुल-पुलिया बनाने का इच्छुक़ है। उनकी यह अपेक्षा पूरी नहीं हो पा रही है। इसका कारण बजट का अभाव है। यह चिंताजनक है कि केन्द्र, प्रदेश में भाजपा सरकार तथा नगर निगम में भाजपा परिषद होने के बाद भी आर्थिक हालात सुधर नहीं पा रहे हैं। उस पर सरकार वेतन का हिस्सा चुंगी क्षतिपूर्ति राशि का बजट कटौती कर रही है। केवल सांसद, विधायक फंड के काम हो पा रहे हैं।इनका कहना है…
मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री से बजट की मांग की जा रही है। सरकार से 130 करोड़ का बजट अपेक्षित है। सरकार से ये राशि मिलते ही शहर में विकास कार्य कराए जाएंंगे।
-विक्रम अहके, महापौर।
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