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छिंदवाड़ा

मार्च के इस सप्ताह में राजस्व, पंजीयन और लेखाबंदी का सिरदर्द

पंजीयन विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 के सालाना वित्तीय लक्ष्य 228 करोड़ रुपए शासन के खजाने में जमा करने होंगे।

छिंदवाड़ाMar 25, 2025 / 11:53 am

manohar soni

मार्च का ये अंतिम सप्ताह सरकारी कामकाज पर भारी है। सालाना राजस्व का लक्ष्य पूरा करना हो या फिर पंजीयन और लेखाबंदी ने अधिकारी-कर्मचारियों का सिरदर्द बढ़ा दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिनों में अधिकांश दफ्तर इन गतिविधियों को पूरा करने में व्यस्त है। निर्माण विभागों भी डेडलाइन पर काम खत्म करने की जिम्मेदारी है तो वहीं विभागीय बजट समाप्त करने का काम दिया गया है।

इस माह में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने राजस्व, आबकारी, पंजीयन और परिवहन अधिकारियों को अपने विभागीय सालाना लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ नगर निगम समेत सभी 17 नगरीय निकाय भी टैक्स वसूली करने पूरी जोर आजमाइश कर रहे हैं। इसके लिए पंजीयन विभाग और नगर निगम की ओर से शनिवार-रविवार अवकाश के दिनों में भी दफ्तर खोले गए है। इस सोमवार से अगले सोमवार तक विभागीय कामकाज चरम पर होगा।
इसी तरह बैंकों समेत अन्य वित्तीय संस्थानों में भी सरकारी कामकाज की गति तेज रहेगी। इन संस्थानों में वार्षिक लेखाबंदी करनी पड़ेगी। एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष 2025-26 की शुरुआत हो जाएगी। प्रशासन के पास केन्द्र और राज्य के बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के नए आदेश आ जाएंगे। फिलहाल चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के कामकाज का प्रेशर हर कर्मचारी पर बढ़ा हुआ है।

अधिकारियों पर इन कामकाज पर दबाव

1.पंजीयन गाइड लाइन-पंजीयन विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 के सालाना वित्तीय लक्ष्य 228 करोड़ रुपए शासन के खजाने में जमा करने होंगे। साथ ही नई संपत्ति गाइड लाइन का प्रस्ताव भोपाल से स्वीकृति मिलते ही लागू करना होगा।
2.कॉलेज की वार्षिक परीक्षा-स्कूल शिक्षा विभाग की माध्यमिक शिक्षा मण्डल की दसवीं-बारहवीं समेत अन्य परीक्षाएं पूरी हो गई है। उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए शिक्षकों को जुटना होगा। इसके साथ ही राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय की परीक्षाएं हो रही है। इस पर प्राध्यापकों को ड्य़ूटी करनी होगी।
3.निर्माण पूरा करने का दबाव-लोक निर्माण, पीआईयू, पीएचई, आरईएस, नगर निगम समेत अन्य निर्माण एजेंसियों पर चल रही परियोजना को समय पर पूर्ण करने का दबाव है। इसके साथ ही रुके भुगतान भी कराने होंगे।
4.राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना-आबकारी, जीएसटी, खनिज, परिवहन औ राजस्व विभाग पर अपने विभागीय लक्ष्य के अनुरूप राशि संग्रहण का दबाव है। इसकी पूर्ति प्रशासनिक अधिकारियों को करानी होगी।
5.हर विभाग में लेखाबंदी और बजट-हर विभाग पर बजट खर्च और लेखाबंदी का दबाव है। ये सभी प्रक्रिया 31 मार्च के पहले करनी होगी। फिर अगले वित्त वर्ष की तैयारी भी करनी होगी।
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