लक्ष्य हासिल करने का था भरोसा
कप्तान ने कहा, “मुझे पूरा भरोसा था कि हम लक्ष्य हासिल कर लेंगे। हमारे पास बल्लेबाजी में गहराई थी, लेकिन इंग्लैंड ने लगातार आक्रामक रुख अपनाया। हमारी योजना थी कि शीर्ष क्रम में दो-तीन 50 रनों की साझेदारियां बनें, लेकिन हम ऐसा नहीं कर पाए। इंग्लैंड ने हमसे बेहतर खेल दिखाया।” उन्होंने आगे कहा कि जब तक एक बल्लेबाज (रवींद्र जडेजा) क्रीज पर था, उम्मीद बाकी थी। “लक्ष्य ज्यादा बड़ा नहीं था। अगर एक 50-60 रनों की साझेदारी हो जाती, तो हम मैच में वापस आ सकते थे।”
जडेजा की पारी पर कप्तान को था भरोसा
उन्होंने कहा, “जडेजा अनुभवी खिलाड़ी हैं। मैं उन्हें कोई खास संदेश नहीं देना चाहता था। वे पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे। हमारी रणनीति थी कि वे जितना हो सके, उतना समय क्रीज पर बिताएं।” कप्तान ने यह भी बताया कि चौथे दिन भारत ने सोचा था कि 80-100 रनों की बढ़त लेना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि पांचवें दिन इस पिच पर 150-200 रनों का पीछा करना आसान नहीं होता। कप्तान ने माना कि चौथे दिन का आखिरी एक घंटा और पांचवें दिन की शुरुआत में भारत बेहतर खेल सकता था। “कल आखिरी दो विकेट जल्दी गिर गए, और आज सुबह इंग्लैंड ने शानदार योजना के साथ गेंदबाजी की। अगर हमारे शीर्ष क्रम में एक 50 रनों की साझेदारी हो जाती, तो चीजें आसान हो सकती थीं।” उन्होंने यह भी कहा कि सीरीज का स्कोर (1-2) पूरी कहानी नहीं बताता। “हमने कुछ शानदार क्रिकेट खेला है, और मुझे लगता है कि आगे का मुकाबला और रोमांचक होगा।”
जसप्रीत बुमराह के अगले टेस्ट में खेलने पर सवाल उठा, तो कप्तान ने मुस्कुराते हुए कहा, “इसके बारे में जल्दी पता चल जाएगा।” भारत अब मैनचेस्टर टेस्ट (20 जुलाई) में वापसी की कोशिश करेगा, और फैंस को उम्मीद है कि जडेजा और पूरी टीम इस हार को भूलकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे।