इंग्लैंड की चाल और गिल आउट
गिल ने अपनी इस पारी में 387 गेंदों का सामना किया और 30 चौके और तीन छक्के की मदद से 269 रन बनाए। जब गिल मैदान पर डटे थे, तो ऐसा लग रहा था मानो उन्हें कोई गेंदबाज रोक ही नहीं सकता। वे तीसरे शतक की ओर तेज़ी से बढ़ रहे थे, और इंग्लैंड की पूरी टीम उन्हें रोकने के लिए रणनीतियों में जुटी थी। लेकिन असली मोड़ तब आया जब 143वें ओवर में स्लिप में खड़े हैरी ब्रूक ने माइंडगेम खेला।
हैरी ब्रूक का माइंडगेम
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक अथर्टन, जो उस वक्त कॉमेंट्री बॉक्स में मौजूद थे, ने इस घटना का जिक्र किया। अथर्टन ने बताया कि ब्रूक ने गिल से कहा, “290 के पार जाना बहुत मुश्किल है।” इस टिप्पणी का मकसद साफ था, गिल के दिमाग में तिहरे शतक का दबाव डालना और उनकी एकाग्रता को तोड़ना। जवाब में गिल ने तंज कसते हुए पूछा, “तुमने कितने तिहरे शतक जड़े हैं?” यह छोटा-सा वार्तालाप भले ही मजाकिया लगे, लेकिन इसका असर गहरा था। अगले ओवर में गिल तेज गेंदबाज जोश टंग की गेंद पर ओली पॉप को कैच थमा बैठे।
माइंडगेम का मास्टरस्ट्रोक और गिल की चूक
यहां हैरी ब्रूक की टिप्पणी महज मज़ाक नहीं थी। दरअसल, ब्रूक के नाम खुद एक तिहरा शतक दर्ज है, और यह बात उन्होंने गिल को मानसिक दबाव में लाने के लिए ही कही थी। इंग्लैंड की यह सोची-समझी रणनीति आखिरकार सफल रही और गिल तिहरा शतक पूरा नहीं कर सके।
गिल ने रचा इतिहास
बता दें गिल इंग्लैंड की जमीन पर यह कारनामा करने वाले तीसरे टेस्ट कप्तान है। इससे पहले सुनील गावस्कर ने 1979 में द ओवल में 221 रन और राहुल द्रविड ने 2002 में द ओवल में ही 217 रन की उपलब्धि दर्ज की थी। गिल इस शतक को बनाने के साथ ही बतौर कप्तान दोहरा शतक लगाने वाले छठे भारतीय बन गए हैं। गिल 25 साल 298 दिन की उम्र में मंसूर अली खान पटौदी के बाद दोहरा शतक बनाने वाले दूसरे सबसे युवा भारतीय कप्तान बन गए हैं। पटौदी ने 1964 में 23 साल 39 दिन की उम्र में दिल्ली में दोहरा शतक बनाया था।