उदघाटन मुक़ाबले में आरसीबी से हारने के बाद कप्तान अजिंक्य रहाणे ने घरेलू कंडीशन के केकेआर के मददगार नहीं होने की बात कही थी। उनका कहना था कि टीम के पास कमाल के स्पिनर हैं लेकिन ईडन गार्डन्स की पिच इसके लिए मददगार नहीं हैं। रहाणे ने पिच क्यूरेटर सुजन मुखर्जी से स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार पिच बनाने का अनुरोध किया था। लेकिन मुखर्जी ने रहाणे के अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ईडन गार्डन्स की पिच में कोई बदलाव नहीं होगा। इस पिच पर तेज गेंदबाजों को उछाल, कैरी और मूवमेंट मिलता रहेगा।
क्यूरेटर के इस रवैये से न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डुल और दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले खुश नहीं हैं। इन दोनों दिग्गजों ने फ्रेंचाईजी को कोलकाता होम ग्राउंड के रूप में कोलकाता छोड़ने का सुझाव दिया है। डुल का कहना है कि अगर ईडन गार्डन्स के पिच क्यूरेटर बात नहीं सुन रहे हैं तब केकेआर को होम ग्राउंड बदल देना चाहिए।
डुल ने क्रिकबज़ से बात करते हुए कहा, ‘अगर वह इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं कि घरेलू टीम क्या चाहती है, ऐसे में टीम को इस मैदान को छोड़ कहीं ओर चले जाना चाहिए। क्यूरेटर का काम मैच में अपना ओपिनियन देने का नहीं है सिर्फ मैदान तैयार करने का है और उन्हें चुप छाप वही करना चाहिए जो टीम चाहती है। उन्हें इस बात के पैसे नहीं मिलते हैं।
वहीं हर्षा ने कहा, ‘रहाणे ने पिच को पूरी तरह से स्पिनरों के लिए बनाने को नहीं कहा था। वह सिर्फ ऐसी पिच चाहते थे जो उनके स्पिनरों को थोड़ी मदद करे। केकेआर की टीम में हमेशा से ही अच्छे स्पिनर रहे हैं। गौतम गंभीर के नेतृत्व में टीम ने 2012 और 2014 में दो खिताब जीते थे। उस समय ईडन की पिच अलग तरह की होती थी और स्पिनरों को मदद मिलती थी।’
हर्षा भोगले ने आगे कहा, ‘अगर वे घर पर खेल रहे हैं, तो उन्हें ऐसी पिचें मिलनी चाहिए जो उनके गेंदबाजों के अनुकूल हों। केकेआर के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए। मैंने केकेआर के क्यूरेटर का कुछ बयान देखा। अगर मैं केकेआर खेमे में होता, तो मैं उनके बयान से बहुत नाखुश होता क्योंकि मैं 120 रन की पिच नहीं मांग रहा हूं। मैं सिर्फ यह कह रहा हूं कि मुझे एक ऐसी पिच दो जहां मेरे गेंदबाज मैच जीत सकें। यह कहना कि ‘माफ कीजिए, हम ऐसी पिचें नहीं बनाते। मुझे लगता है कि आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में होम एडवांटेज बिल्कुल जायज है। इससे टूर्नामेंट बेहतर होगा क्योंकि फिर बाहर जीतना महत्वपूर्ण हो जाएगा।’ मतलब, हर टीम को अपने घरेलू मैदान पर कुछ फायदा मिलना चाहिए। इससे टूर्नामेंट और भी रोमांचक हो जाएगा।’