बीसीसीआई ने मनाने की कोशिश की थी
जब कोहली ने संन्यास की घोषणा की, तो कई लोगों को भरोसा नहीं हुआ। खबरें आईं कि बीसीसीआई और कई बड़े नामों ने उन्हें जून में इंग्लैंड दौरे पर खेलने के लिए मनाने की कोशिश की थी।
फिर से कप्तानी पाने के संकेत भी मिले थे
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोहली को दिसंबर-जनवरी में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान फिर से भारतीय टेस्ट टीम का कप्तान बनाए जाने के संकेत मिले थे। खासकर तब जब रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत ने एडिलेड टेस्ट हारा था। रिपोर्ट में कहा गया कि कोहली के करीबी लोगों को उम्मीद थी कि उन्हें कप्तानी मिलेगी, लेकिन बाद में टीम मैनेजमेंट की सोच बदल गई। ऑस्ट्रेलिया से सीरीज हारने की वजह से भारत ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल में जगह नहीं बनाई, जिससे टीम ने युवा कप्तान को मौका देने का फैसला किया।
फरवरी में कोहली ने रणजी ट्रॉफी खेला
रिपोर्ट में बताया गया कि कोहली फरवरी में बीसीसीआई के निर्देश पर दिल्ली के लिए रणजी ट्रॉफी मैच भी खेले, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वे फिर कप्तान बनेंगे। लेकिन अप्रैल में उन्हें बताया गया कि अब उन्हें केवल खिलाड़ी के तौर पर देखा जाएगा। इसके बाद कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया।
दिल्ली के कोच सरांदीप सिंह ने किया खुलासा
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और दिल्ली टीम के कोच सरांदीप सिंह ने हाल ही में कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए। सरांदीप दिल्ली टीम के कोच भी हैं। उन्होंने कहा, ‘कोहली के संन्यास की कोई भनक नहीं थी। मैंने उनसे हाल ही में बात की थी, वे बेहतरीन फॉर्म में थे।” उन्होंने बताया, ” कोहली ने कहा था कि वे इंग्लैंड टेस्ट से पहले काउंटी क्रिकेट नहीं, बल्कि दो इंडिया ‘ए’ मैच खेलना चाहते हैं। अचानक खबर आई कि वे अब रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेलेंगे। न तो उनकी फिटनेस में कोई समस्या थी, न फॉर्म में। ऑस्ट्रेलिया में उन्होंने एक सेंचुरी भी बनाई थी, लेकिन वे खुद से संतुष्ट नहीं थे।
रणजी ट्रॉफी के दौरान वे कहते थे कि इंग्लैंड में वे तीन-चार सेंचुरी बनाना चाहते हैं क्योंकि वे टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी हैं।”