फैसला न्याय के लिए अहम
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक गिरीश राठौर ने बताया कि यह फैसला न्याय के लिए एक अहम कदम है। घटना में अमर सिंह की नृशंस हत्या हुई थी, जिसमें सभी आरोपियों की भूमिका स्पष्ट रूप से सिद्ध हो गई।
यह था मामला
अभियोजन के अनुसार, घटना 22 मई 2020 की है। पुलिस रिपोर्ट में फरियादी नरेंद्र ने बताया कि वह तेंदूखेड़ा में था, तभी उसके छोटे भाई अमर का फोन आया कि हीरा लोधी, छप्पन लोधी और हल्ले लोधी उसे मारने झिन्ना वाले खेत की ओर आ रहे हैं। जब नरेंद्र मौके पर पहुंचा, तो देखा कि आरोपी हीरा लोधी ने कुल्हाड़ी की मुंदानी से अमर के सिर पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अन्य आरोपियों ने भी लाठी डंडों से हमला किया। बीच-बचाव में फरियादी नरेंद्र को भी चोटें आईं। इलाज के दौरान अमर की मौत हो गई, जिसके बाद मामला दर्ज कर जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में आरोपी हीरा सिंह लोधी, छप्पन लोधी, हल्ले लोधी, करन लोधी, हेमराज लोधी व अन्य चार आरोपी, कुल 9 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।