विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक प्रमोशन के बाद बायो और फिजिक्स में कमजोर, पढ़ाई प्रभावित
मिडिल स्कूल के शिक्षकों को प्रमोट कर हाई और हायर सेकेंडरी में दी गई थी ज्वॉइनिंग


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(फोटो सोर्स- Freepik)
दमोह. बीते सत्र में शिक्षकों का प्रमोशन उनकी वरिष्ठता के आधार पर किया गया था। इसमें करीब ५०० ऐसे शिक्षक भी है, जिन्हें मिडिल स्कूल से हाई और हायर सेकेंडरी में प्रमोट कर नए स्कूलों में ज्वाइनिंग दी गई है, लेकिन मिडिल कक्षाओं में विज्ञान पढ़ाने वाले इन शिक्षकों से विज्ञान समूह के हायर सब्जेक्ट बायो, फिजिक्स नहीं पढ़ाई जा रही हैं। कुछ स्कूलों में तो शिक्षकों ने इन विषयों पर नाममात्र ही पढ़ाई कराई है, जबकि कुछ ने बिना अनुभव के गाइड आदि से बच्चों को औपचारिक पढ़ाई करा दी है। इसके पीछे प्रमुख कारण इन शिक्षकों के प्रमोशन के बाद इन्हें उक्त विषयों के लिए प्रशिक्षित नहीं करना बताया जा रहा है। हालांकि, कुछ शिक्षकों ने स्वयं को अपग्रेड भी किया है, जो अच्छी पढ़ाई इन विषयों में करा रहे हैं।
पत्रिका ने कुछ हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रमोट होकर पहुंचे विज्ञान के शिक्षकों की जानकारी छात्रों से ली तो हकीकत सामने आई। जो बच्चे पीसीबी से हायर सेकेंडरी कर रहे हैं, उनके लिए सबसे बड़ी समस्या हो गई है। जिन स्कूलों में फिजिक्स, कैमेस्ट्रिी के विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं है, वहां विज्ञान विषय से प्रमोट होकर आए शिक्षक को ही ये विषय पढ़ाना है। इसके अलावा बॉयो भी उसे ही पढ़ाना है। ये शिक्षक भले ही इन विषयों को पढ़कर ही आए हैं, लेकिन रेग्युलर में वह लंबे समय से मिडिल स्कूल के बच्चों को विज्ञान ही पढ़ाते आ रहे थे। ऐसे में बॉयो, फिजिक्स पढ़ाने का अनुभव ऐसे शिक्षकों के पास नहीं है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर देखने मिल रहा है।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा का कहना है कि यदि ऐसे शिक्षक किसी भी हाई और हायर सेकेंडरी में हैं, तो प्राचार्य इसकी जानकारी भेजें। जरूरी होने पर इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा सकता है। अपने स्तर पर भी पता किया जा रहा है। बच्चे और अभिभावक भी इस संबंध में जानकारी दे सकते हैं।
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