शहर के अंदर से निकले सागर-जबलपुर हाइवे से लगे हाउसिंग बोर्ड से विवेकानंद नगर पर सबसे ज्यादा हैवी वाहनों का प्रवेश होता है। सुबह से लेकर रात तक यहां रेत से भरे ८०-८० टन हैवी वाहन वार्ड की सड़कों से गुजरते हैं। ऐसे में यहां की सड़क के हालात खराब है। सड़क पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। १०-१० फीट तक के गड्ढे यहां हो गए हैं। जिससे यहां से गुजरने वाले १० कॉलोलियों के लोगों को काफी परेशानी होती है। करीब १ किमी की इस रोड में २०० मीटर रोड भी सही नहीं बची हैं।
जटाशंकर से धरमपुरा मार्ग को नगरपालिका ने काफी पहले रिंग रोड के रूप में बनाया था। बाद में इसका उपयोग दमोह से कटनी, कुंडलपुर, बांदकपुर रोड के बायपास के रूप में कर दिया। जैसे ही इस रोड से भारी वाहनों का आवागमन हुआ। सड़क के परखच्चे उड़ गए। तीन किलोमीटर के इस रोड में आधा किमी रोड भी अच्छी नहीं है। १ किलोमीटर की स्थिति ऐसी है कि यहां से आवागमन ही बंद हो गया है। यहां भी बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।
यह मार्ग भी हाइवे से कॉलोनियों को जोडऩे के लिए बनाया गया था, लेकिन इस मार्ग पर निर्माण सामग्री से लोड भारी वाहनों की आवाजाही दिन रात बनी रहती हैं। यहां बड़ी मात्रा में खनिज सामग्री का व्यापार भी कॉलोलियों में ही चल रहा है। ऐसे में यह रोड भी अनेक जगहों से खराब हो गया है। वैशाली नगर से सेंट्रल स्कूल तक की सड़क ज्यादा खराब है। इसके अलावा कर्मचारी आवास कॉलोनी में बनी पुलियां भी हैवी वाहनों के आवागमन से टूट गई हैं।
निकाय की सड़कों पर हैवी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इनसे काफी नुकसान होता है। जिन मार्गों की आपने जानकारी दी है, वहां की स्थिति देखते हैं। साथ ही वाहनों को प्रतिबंधित करने प्रयास शुरू करते हैं।
राजेंद्र सिंह लोधी, सीएमओ नगरपालिका दमोह