कलेक्टर के प्रतिवेदन में उल्लेख है कि दमोह हेल्पलाइन व अन्य गोपनीय शिकायतें ७ अप्रेल से आ रही थी। जबकि ११ अप्रेल को गोपनीय शिकायत प्राप्त हुई थी कि दमोह की मशीन आईडी 29026 भिंड जिले में चल रही है। जिस पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भोपाल को पत्र व्यवहार किया गया था। जहां से १६ अप्रेल को मेल के माध्यम से रिप्लाई आया था। जिसमें बताया गया कि उक्त आईडी से कितने आधार बनाए गए हैं और कहां-कहां के हैं, पूरा विवरण भेजा गया था। रेकॉर्ड के आधार पर स्पष्ट हुआ कि यह मशीन उज्जैन, देवास, इंदौर, भिंड, छतरपुर, जबलपुर, पन्ना, सागर, कटनी, शाजापुर, धार, रायसेन, गुना, दतिया, पश्चिम निमाड़, छिंदवाड़ा, मुरैना, भोपाल, झाबुआ जिलों में संचालित होना पाया गया।
दमोह की एक आईडी भिंड सहित अन्य जिलों में संचालित मिलने पर प्रशासन अलर्ट हो गया। इसी आधार पर १५ अप्रेल को आई एक और शिकायत पर आधार आइडी २९८३२ के संबंध में जानकारी लेने प्रयास शुरू किए गए। उक्त मशीन की तीन माह की जानकारी के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भोपाल को पत्र लिखा गया था। इस मशीन के संबंध में जो रेकॉर्ड प्राप्त हुए, उसे प्रशासन को हिला दिया था। यह आईडी ६ राज्यों में संचालित होना बताई गई। आईडी के रेकॉर्ड के अनुसार सागर, पन्ना, छिंदवाड़ा, सतना, छतरपुर, सीधी, शहडोल, जबलपुर, कटनी के साथ पश्चिम बंगाल के जिला उत्तर दिनाजपुर, पश्चिम मेदिनापुर, कूच वेहर, माल्दा, पुरुलिया, बनकुरा, झारग्राम, नार्थ दिनाजपुर, कोच बिहार, दार्जिलिंग, माल्दाह, बिहार प्रदेश के कटिहार, माधेपुरा, सहरसा, पुरनिया, अरररिया, खागरिया, किशनगंज, दिल्ली प्रदेश के दक्षिण पश्चिम दिल्ली, राजस्थान प्रदेश के बीकानेर, हरियाणा प्रदेश के पानीपत, झारखंड प्रदेश के जिला पूर्व सिंहभुम जिलों में संचालित होना पाई गई हैं।
मामले में आपराधिक रूप से इन मशीनों के उपयोग करने के संदेह पर कलेक्टर ने एसपी को पत्र लिखकर जांच कराने हुए एफआइआर दर्ज कराने लिखा था। कलेक्टर के प्रतिवेदन और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर सिटी कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 318(४) बीएनएस, 66(सी) एवं 66(डी) सूचना प्रौद्यागिकी अधिनियम 2000 के तहत अपराध प्रथम दृष्टया घटना घटित करना पाए जाने पर पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
वर्शन
शिकायतों के आधार पर हुई जांच में दमोह की आधार आइडी अन्य जिलों और राज्यों में संचालित होना बताई गई है। जिस पर कार्रवाई के लिए लिखा गया था। साथ ही उक्त आईडी को डीएक्टिव करने भी लिखा गया है।
सुधीर कोचर, कलेक्टर दमोह