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सडक़ किनारों से कट रही है। डामर बीच सडक़ में धंस चुकी है। पैच वर्क के बाद भी दोनों सडक़ उखड़ रही है। सडक़ों की तस्वीरों को देख अंदाजा लगाया जा सकता है, किस तरह से भ्रष्टाचार किया गया है।
अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर जवानों की खून से सींची गई सडक़ पर भ्रष्टाचार की फसल को बड़ी तल्लीनता से काटी है। बता दें अरनपुर-जगरगुंडा सकड़ निर्माण के दौरान करीब 150 से अधिक आईईडी निकाली गई। आईईडी ब्लास्ट के दौरान आधा दर्जन से अधिक जवान घायल हुए हैं। यदि 2023 के अरनपुर ब्लास्ट में शहीद हुए जवानों को जोड़ दें तो 10 जवान शहीद हुए हैं।
20 साल बाद बहाल हुई सडक़
दंतेवाड़ा जिले के लिए बेहद महत्वपूण सडक़ को बनाने की कवायद सरकार 2011 से शुरू की थी। इस सडक़ को जिले कजजीवनदायिनी के रूप मेे देखा जा रहा था। नक्सलियों के उत्पात के चलते सलवा जुडूम के दौरान इस सडक़ पर पूरी तरह से वाहनों की आवाजाही बंद हो चुकी थी। बताया जाता 2003-04 में नक्सलियों ने जगरगुंडा में तहसील कार्यालय, फॉरेस्ट ऑफिस के आलावा कई सरकारी इमारतों में को आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद से 20 साल बाद यह रास्ता बहाल हुआ पर वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। अब भी जगरगुंडा में बीच सडक़ पर सुरक्षा बलों का कैंप स्थापित है। जगरगुंडा दक्षिण बस्तर का सबसे महत्वपूर्ण वनोपज का बाजार लगता था। आज भी उस तरह से ये बाजार गुलजार नहीं हुआ है।
अधा दर्जन से अधिक कैंप स्थापित हुए तब बनी सडक़
नक्सलियों की उपराजधानी कहे जाने वाले इलाके को कमजोर करने के लिए अधा दर्जन से अधिक कैंपों की स्थापना की गई। नक्सलियों की कमर तोडऩे के लिए जवानों ने निरंतर गश्त और सर्चिंग की। इसी दौरान सडक़ निर्माण का कार्य चला। जवानों ने इस सडक़ से सैकड़ो जिंदा बम निकाले। कई जवान घायल भी हुए। तमाम कठिन परििस्थतियों के बाद निर्माण हो सका। सलवा जुडूम की लगी आग के बाद नक्सलियों ने इस इलाके को अपने कब्जे में ले लिया।
एक करोड़ की रिटर्निग वॉल भी फट गई
अरनपुर-जगरगुंडा सडक़ निर्माण के दौरान जिला निर्माण से भी बहुत पैसा खर्च किया गया है। इस बात पर पीडब्लूडी विभाग के अधिकारी मौन है। सूत्र बता रहे हैं कि करीब एक करोड़ रुपए की लागत से रिटर्निंग वॉल तैयार की गई थी। इस गार्ड वॉल में दरारें पड़ गई हैं। अधिकारी कहते हैं पुराना मामला देखना पड़ेगा। इसी तरह बारसूर से पल्ली रोड करीब 50 करोड़ रुपए की लागात से तैयार हुई है। जब इन सडक़ों का निर्माण हो रहा था तब तत्कालीन पीडब्ल्यूडी ईई जॉसेफ थॉमस थे। ईई पीडब्ल्यूडी शिव ठाकुर मेरे समय में सडक़ निर्माण का कार्य नही हुआ है। जहां गार्ड वॉल फट गई, उसे दिखवाते है। नालियों को साफ करवाया जाएगा। जो भी समस्या सडक़ में आ रही है उसे दूर किया जाएगा।