ड्रेनेज प्लान को और प्रभावी बनाने पर जोर
सचिव ने बद्रीश झील और शेषनेत्र झील का भी निरीक्षण किया और नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी को झीलों की स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रेनेज प्लान को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया। इसके बाद सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत भारत के प्रथम गांव माणा का दौरा किया। वहां उन्होंने माणा अराइवल प्लाजा, केशव प्रयाग और भीमपुल जैसे प्रस्तावित विकास स्थलों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य स्थानीय समुदाय के सहयोग से पूर्ण किए जाएं, ताकि विकास प्रक्रिया में जन भागीदारी सुनिश्चित हो।
600 मीटर लंबी अप्रोच रोड मरम्मत होगी
सचिव ने औली में पर्यटक आवास गृह, चेयर लिफ्ट और स्कीइंग स्लोप का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के अधिकारियों से औली रोपवे से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने औली में स्थित तीनों पर्यटक आवास गृहों के उन्नयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए। साथ ही, 600 मीटर लंबी अप्रोच रोड की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को आकलन तैयार कर शासन को प्रेषित करने को कहा।
पर्यटन सुविधाओं की गुणवत्ता में होगा सुधार
इसके अलावा उन्होंने तपोवन में पर्यटक आवास गृह के संचालन के लिए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। तपोवन में स्थित प्राकृतिक गर्म पानी के स्रोत के संरक्षण के लिए भी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने के लिए कहा। सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल के इस दौरे से क्षेत्र में पर्यटन विकास को गति मिलने की उम्मीद है। उनके निर्देशों से बद्रीनाथ, माणा और औली में पर्यटन सुविधाओं के उन्नयन और गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी।