मिली जानकारी के अनुसार 22 मार्च को असलम खान के पास किसी अननोन कॉलर का कॉल आया। अज्ञात व्यक्ति ने किसी प्रोडक्ट की एजेंसी दिलाने की बात कही। प्रोडक्ट एजेंसी के कॉलर ने पूरी जानकारी देने के बाद उसने असलम खान को अमानत राशि जमा करने के लिए कहा। असलम खान ने वेरिफिकेशन के लिए कंपनी का नाम, पता और बैंक अकाउंट नंबर मांगा। अज्ञात कॉलर ने रायपुर के एक निजी बैंक का एकांउट नंबर दिया। एकाउंट में राशि जमा नहीं करने पर असलम खान को क्यूआर कोड भेजकर इसी में राशि ट्रांसफॅर करने के लिए कहा।
असलम खान ने पहले और दूसरे ट्रांजेक्शन में 920-920 और तीसरे ट्रांजेक्शन में 15887 और चौथे ट्रांजेक्शन में 21,555 रूपए यूपीआई के माध्यम से अज्ञात कॉलर को राशि ट्रांसफर कर दी। इसके बाद असलम ने अज्ञात कॉलर को कॉल किया, तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। इसकी जानकारी उसने अपने पिता फिरोज खान को दी। पिता ने तत्काल राष्ट्रीय साइबर हेल्प लाइन नंबर-1930 में कॉल कर ऑनलाइन रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पत्रिका की अपील
पत्रिका साइबर सुरक्षा अभियान के तहत नागरिकों से अपील करती है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति या कॉलर को अपने एटीएम का पिन नंबर, सीसीवीवी नंबर सहित गुप्त जानकारी साझा न करें। मोबाइल की ओटीपी भी किसी से शेयर न करें। ऑनलाइन खरीदी-बिक्री करते समय वास्तविक वेबसाइट का इस्तेमाल करें। अपने आसपास के लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें।
कोतवाली थाना में किसी ने भी ऑनलाइन फ्राड को लेकर शिकायत दर्ज नहीं कराया है। राष्ट्रीय साइबर हेल्प लाइन नंबर-1930 में शिकायत की गई होगी तो शिकायत रजिस्ट्रर्ड होने के पश्चात यह संबंधित थाने को प्रेषित की जाती है। मामला आने पर इसमें जांच कर कार्रवाई की जाएगी। राजेश मरई, टीआई