केन्द्र समन्वयक नीलम साहू ने बताया कि 21 मई को रात 8.45 बजे चाइल्ड लाइन को सूचना मिली कि रूद्रेश्वर मंदिर के पास 2 बच्चियां रोते बैठी हैं। पुलिस के साथ मौके पर चाइल्ड लाइन की टीम पहुंची। पुलिस के सहयोग से रात में बच्चियों को सखी सेंटर में रखा गया। दूसरे दिन बाल कल्याण समिति में पेश किया गया।
पिता तरूण यादव को भी बुलाया गया। तब जानकारी हुई कि बच्चों की मां पहले से ही कहीं चली गई है। पिता मजदूरी करता है। पिता ने आर्थिक स्थिति और खुद के काम को कारण बताते हुए बच्चों की परवरिश करने में असक्षम बताया। इसके बाद दोनों बच्चियों को कांकेर ले गए। पिता ने यह भी कहा कि वह इसे गोद देने के लिए किसी को नहीं दे सकते। 18 वर्ष की आयु तक ही पालने की अनुमति दे रहे हैं।
लोगों की आंखें हो गई नम
एक बच्ची की उम्र 7 वर्ष व एक की उम्र 3 वर्ष है। मंदिर में जब दोनों बच्चियों को लोगों ने देखा तो सबकी आंखें नम हो गई। काउंसिलिंग के दौरान भी उपस्थित लोगों ने बच्चियों के भविष्य और बचपन में मिलने वाले मां-बाप के दुलार को लेकर दुख व्यक्त किया।