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Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चौथ पर करें ये काम, ग्रंथों में बताए गए हैं संतान से जुड़े कई फायदे

Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। इस दिन माताएं गणेश भगवान से अपनी संतान की लंबी आयु और कल्याण की कामना करती हैं।

जयपुरJan 15, 2025 / 08:11 am

Sachin Kumar

Sakat Chauth Vrat 2025

Sakat Chauth Vrat 2025

Sakat Chauth Vrat 2025: सकट चौथ का व्रत विशेष महत्वपूर्ण है। यह माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन रखा जाता है। इसे संकट हरण चतुर्थी और तिलकुटा चौथ भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके बाद शाम को चंद्रमा की पूजा की जाती है। माताएं इस शुभ दिन पर अपनी संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। आइए जानते हैं इसके नियम।

सकट की व्रत विधि (fasting method of sakat)

Sakat Chauth Vrat 2025:सकट चौथ के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनें। संकल्प लें कि आप पूरे दिन निराहार रहकर व्रत करेंगे। शाम को भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक जलाएं। उन्हें दूर्वा, तिल, गुड़, और मोदक अर्पित करें। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलें।
Sakat Chauth Vrat 2025:इसके साथ ही महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की जरुरत है कि इस दिन पर काले रंग के वस्त्र न पहनें। क्योंकि काला रंग पूजा-पाठ के दौरान अशुभ माना जाता है।
Sakat Chauth Vrat 2025:जो महिलाएं इस दिन उपवास करें वह शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त यह ध्यान रखें कि अर्घ्य के छीटें पैरों पर न पड़ें। क्यों कि जल के छीटें पैरों पर गिरना अशुभ माना जाता है।

ऐसे करें सकट पूजा (Perform Sakat Puja like this)

भगवान गणेश की पूजा: भगवान गणेश को दूर्वा, तिल और गुड़ अर्पित करें।

तिल का उपयोग: व्रत के दौरान तिल का विशेष महत्व है। इसे प्रसाद में जरूर शामिल करें।
चंद्र दर्शन: रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा को पूर्ण करें।

धार्मिक पाठ: गणेश चालीसा और संकटमोचन स्तोत्र का पाठ करें।

माताएं अपनी संतान के सुख के लिए रखती है सकट व्रत (Mothers observe Sakat fast for the happiness of their children)

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस शुभ दिन पर माताएं अपनी संतान के आगामी उज्जवल भविष्य की कामना के लिए व्रत करती हैं। साथ ही वह उनकी लंबी आयु की प्रार्थना करती है। चुतर्थी के दिन भगवान गणेश और शाम को चंद्र अर्घ्य देने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस आस्था को लेकर देशभर की माताएं अपने बच्चों के जीवन कल्याण के लिए सकट चतुर्थी का व्रत करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं निष्ठा के साथ व्रत पालन और भगवान गणेश की आराधना करती हैं उनको पुण्यफल की प्राप्ति होती है। क्योंकि गणेश भगवान को विघ्नहरता कहा जाता है। वह सभी के दुखों को दूर करते हैं और सभी कार्यों को सफल बनाते हैं।
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डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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