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धौलपुर: चंबल नदी में बढ़ रहा जलीय जीवों का कुनबा, डॉल्फिन संख्या हुई 111

राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल सेंचुरी अब जलीय जीवों के लिए सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है। यहां लगातार जलीय जीवों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि हो रही है। दुनिया में दुर्लभ हुए डॉल्फिन भी इस नदी में खोता लगाते हुए नजर आ जाएगी।

धौलपुरMar 04, 2025 / 10:37 pm

rohit sharma

धौलपुर. चंबल नदी किनारे आराम फरमाते घडिय़ाल।

धौलपुर. राष्ट्रीय चंबल घडिय़ाल सेंचुरी अब जलीय जीवों के लिए सुरक्षित स्थान बनता जा रहा है। यहां लगातार जलीय जीवों की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि हो रही है। दुनिया में दुर्लभ हुए डॉल्फिन भी इस नदी में खोता लगाते हुए नजर आ जाएगी। डॉल्फिन के बारे में कहा जाता है कि वह स्वच्छ पानी में प्रवास करती है। वहीं, चंबल नदी में भारतीय स्कीमर और दुर्लभ कछुओं जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का भी ठिकाना बन रहा है। जबकि कुछ साल पहले बीहड़ों और खाईयों में बहने वाली इस नदी का क्षेत्र कभी चंबल के दस्युओं के लिए बदनाम रहा था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है और पर्यटक भी वन्यजीवों के नजारे के लिए यहां पहुंच रहे हैं। बता दें कि जलीय जीवों को संरक्षित करने के लिए केन्द्र सरकार ने चम्बल नदी के 435 किलोमीटर क्षेत्र को साल 1978 में राष्ट्रीय चम्बल घडिय़ाल अभ्यारण्य स्थापित किया था।
चंबल में लुप्त होने के कगार पर थे घडिय़ाल

तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश में बहने वाली चंबल नदी में किसी समय घडिय़ाल लुप्त प्रजाति हो गई थी। नदी को 1979 में गंभीर रूप से लुप्तप्राय घडिय़ालों के संरक्षण के लिए नामित किया गया था। उस समय इनकी आबादी 250 थी जो साल 2024 में बढकऱ 2456 हो चुकी है। इसी तरह मगरमच्छ 928 और डॉल्फिन की संख्या 111 तक पहुंच गई है। जो सेंचुरी में बेहतर संरक्षण को दर्शाती है। वहीं, 2015 से भारतीय स्कीमर की जनसंख्या 224 से बढकऱ 843 पहुंच चुकी है।
अवैध बजरी खनन पहुंच रहा नुकसान

चंबल का क्षेत्र कुछ समय अवैध बजरी के लिए बदनाम हो रहा है। मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर नदी से जमकर बजरी का अवैध खनन हो रहा है। इस खनन से विशेषकर घडिय़ालों के ठिकानों को नुकसान पहुंच रहा है। घडिय़ाल प्रजनन काल के दौरान नदी के तटवर्तीय इलाके में अंडे देते हैं। लेकिन बजरी माफिया का इलाके में बड़े दखल से इन्हें नुकसान पहुंच रहा है।
यूं होती है जलीय जीवों की गणना

जलीय जीवों की गणना में वन्यजीवों से अधिक समय लगता है। यह पूरी गणना नाव के जरिए होती है। इसमें 20 से 25 दिन लग जाते हैं। जलीय जीव विशेषज्ञ अपनी नाब को नदी में एक स्थान पर रोककर फिर पानी के अंदर हो रही हलचल पर नजर रखते हैं। ये घडिय़ाल, कछुआ व मगरमच्छ की मैन्युअली गिनती करते हैं। वहीं, डॉल्फिन के लिए ट्रांसमीटर रिसीवर का उपयोग किया जाता है। इसकी वजह डॉल्फिन के गहरेे पानी में रहना।

साल घडिय़ाल डॉल्फिन मगरमच्छ
2016 1162 78 454
2017 1255 75 562
2018 1681 74 613
2019 1876 0 706
2020 1859 68 710
2021 2176 82 886
2022 2014 71 873
2023 2108 96 878
2024 2456 111 928

कांस्टेबल पर फायरिंग मामले में एक और आरोपित गिरफ्तार
धौलपुर. राजाखेड़ा थाना पुलिस ने कांस्टेबल रामसहाय पर जानलेवा हमला करने के मामले में एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। प्रकरण में तीन आरोपित पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। गौरतलब रहे कि पकड़े आरोपित संजय शर्मा को लेकर परिजनों ने भरतपुर में सीएम भजनलाल शर्मा को सौंपे पत्र में अवैध रूप से रखने का आरोप लगाय था। पत्र में संजय को पुलिस को 26 फरवरी को सुपुर्द करने की बात कही थी।
पुलिस ने बताया कि गत 20 जनवरी को गश्त के दौरान पिनाहट रोड पर अवैध बजरी परिवहन की सूचना मिली थी। जिस पर टीम ने नाकाबंदी की। यहां बजरी लदी ट्रेक्टर-ट्रॉली नाकाबंदी तोडकऱ भाग निकली। पीछा करने के दौरान दो बाइकों पर सवार छह बदमाशों ने पुलिस गाड़ी पर फायरिंग कर दी। जिसमें कांस्टेबल रामसहाय गोली लगने से घायल हो गया था। पुलिस ने जांच करते हुए आरोपित अजय कुमार, विशाल उर्फ छोटू व सचिन उर्फ छोटा को पहले ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मामले में वांछित आरेापित संजय पुत्र रामनारायण निवासी गढी टिडावली हाल पिनाहट रोड कोल्ड स्टॉरेज के पास राजाखेड़ा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि संजय शर्मा की ट्रेक्टर-ट्रॉली को आरोपित सचिन चला रहा था जो नाकाबंदी तोडकऱ भाग निकला था।

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