इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री को वापस जाने की मांग की। मौके पर मौजूद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और छह से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। इस घटना की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने निंदा की है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया
सीओ मुनेश कुमार मीणा ने बताया कि यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया था। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधा दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। प्रशासन ने मंत्री के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, लेकिन कार्यकर्ताओं ने पुलिस को चकमा देकर जगदीश तिराहे पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने बताया कि स्थिति अब सामान्य है। यूथ कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था और यह केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ युवाओं की आवाज उठाने का प्रयास था। हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं में जिलाध्यक्ष तरुण शर्मा और प्रवक्ता भूदेव शर्मा शामिल हैं। इस कार्रवाई से कांग्रेस नेतृत्व में आक्रोश देखा गया।
भड़के उठे गहलोत-डोटसरा
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र में काले झंडे दिखाना विरोध करने का एक सामान्य तरीका है परन्तु जिस प्रकार भाजपा सरकार पुलिस के माध्यम से बार-बार लोकतांत्रिक विरोध करने पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई कर रही है, वह बेहद निंदनीय है। सीकर, बीकानेर, अनूपगढ़, चूरू के बाद आज धौलपुर में भी ऐसा किया गया है। पुलिस को इन युवाओं को अविलंब रिहा करना चाहिए। वहीं, राजस्थान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार में विरोध की आवाज़ को कुचलना और असंवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर कार्रवाई करने का चलन बन गया है। राजस्थान में जिस तरह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर दमनकारी कार्रवाई की जा रही है वो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। भाजपा सरकार आए दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बेवजह हिरासत में लेकर लोकतंत्र के खिलाफ काम कर रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (प्रधानमंत्री कार्यालय) डॉ. जितेंद्र सिंह के धौलपुर दौरे के दौरान आमजन की समस्याओं को लेकर विरोध जता रहे जिलाध्यक्ष तरुण शर्मा, प्रवक्ता भूदेव शर्मा व अन्य युवा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना विरोध की आवाज़ को कुचलने की कोशिश है। सरकार अविलंब हिरासत में लिए युवाओं को रिहा करे।