कविता किरण की सफलता की कहानी (Success Story Kavita Kiran)
दरअसल, कविता ने घर वालों को बताए बिना UPSC CSE 2024 परीक्षा दी थी। ऐसे में जब रिजल्ट आया और उन्होंने 586वीं रैंक हासिल की तो घर वाले चौंक गए। रैंक भले ही 586 रही हो लेकिन घर वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कविता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता पेशे से वकील हैं। कविता का छोटे भाई अभी सुप्रीम कोर्ट से वकालत कर रहे हैं। कहां से हुई पढ़ाई-लिखाई
कविता की शुरुआती पढ़ाई मऊ से हुई। बाद में 12वीं की पढ़ाई के लिए कविता ने दिल्ली के वसंत कुंज स्थित डीपीएस में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। कविता किरण के कदम यहीं नहीं रुके। उन्होंने स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीजी की डिग्री हासिल की और मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से भी पढ़ाई की। उच्च शिक्षा और डिग्री हासिल करने का ये सिलसिला चलता रहा और कविता ने JRF और नेट परीक्षा पास करके जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से शोध शुरू कर दिया।
2022 में दिया पहला प्रयास
कविता ने 2022 में यूपीएससी का पहला अटेंप्ट दिया था। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत करके एक बार फिर परीक्षा में बैठी। इस बार उनके हाथ सफलता लग गई और 586वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा में पास हो गईं।