1989 बैच की हैं IAS
सुजाता चतुर्वेदी 1989 के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर में राज्य सरकार और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है। यूपीएससी का सदस्य बनने से पहले खेल सचिव (नई दिल्ली) के रूप में अपनी सेवा दे रही थीं। बिहार कैडर मिला
यूपीएससी सीएसई की परीक्षा पास करने के बाद सुजाता चतुर्वेदी को बिहार कैडर मिला था। उन्होंने बिहार में वित्त विभाग में प्रधान सचिव, वाणिज्यिक कर आयुक्त, वित्त विभाग में सचिव तथा शहरी विकास विभाग में उपाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दी थी।
एक साथ 4 भाषाओं की हैं जानकार, एक में तो डिप्लोमा भी किया
सुजाता चतुर्वेदी ने नागपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बीए और इतिहास में एमए की डिग्री हासिल की है। इसके बाद उन्होंने लोक प्रशासन में एम.फिल की डिग्री भी हासिल की। साथ ही रूषी भाषा में डिप्लोमा किया। वे एक साथ कई भाषाओं की जानकार हैं, जिनमें हिंदी, मराठी, ऊर्दू, रूसी शामिल हैं।
राज्य में इन पदों पर दी सेवा
- वित्त विभाग में प्रधान सचिव
- वाणिज्यि का कर आयुक्त
- वित्त विभाग की सचिव
- शहरी विकास विभाग की उपाध्यक्ष
केंद्र में इन पदों पर दी सेवा
- युवा कार्यक्रम और खेल सचिव
- डीओपीटी में अपर सचिव
- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में क्षेत्रीय उप महानिदेशक
खेल विभाग में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
सुजाता चतुर्वेदी ने खेल विभाग के सचिव के रूप में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनसे खेल का समग्र विकास हुआ है। इनमें से प्रमुख है वार्षिक खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी, फिडे शतरंज ओलंपियाड, फीका अंडर 17 महिला विश्व कप, एक राष्ट्रीय खले भंडार प्रणाली का कार्यान्वयन आदि।
यूपीएससी में होते हैं इतने सदस्य
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यूपीएससी में सदस्य की नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 316 (2) के अनुसार की जाती है। यूपीएससी में अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं। पूरी टीम की अध्यक्षता यूपीएससी का अध्यक्ष करता है। वर्तमान समय में यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सूदन हैं।