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गोंडा

Gonda: आयुक्त की ताबड़तोड़ कार्रवाई से मचा हड़कंप, बीएसए और स्टेनो की बढ़ी मुसीबत, जांच के आदेश

Gonda News: भ्रष्टाचार की शिकायत पर कमिश्नर की ताबड़तोड़ कार्रवाई से कई विभागों में हड़कंप मच गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत से घिरे बेसिक शिक्षा अधिकारी और उनके स्टोनो के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।

गोंडाFeb 14, 2025 / 08:44 am

Mahendra Tiwari

Gonda

कार्यालय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

Gonda News: बेसिक शिक्षा विभाग में बेसिक शिक्षा अधिकारी और उनके स्टोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। देवीपाटन मंडल के आयुक्त से शिकायत के बाद हड़कंप मच गया है। आयुक्त ने एडी बेसिक को पूरे प्रकरण की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले बेसिक शिक्षा विभाग का लेखा विभाग भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रहा है।
Gonda News: देवीपाटन मंडल के शिक्षा विभाग गोण्डा में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आई है। राम सरन सिंह, सेमरा कॉलोनी, गोंडा द्वारा की गई शिकायत में बीएसए, स्टेनो और एक शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

मृतक आश्रित की नियुक्ति वेतन सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली

शिकायतकर्ता के मुताबिक इन अधिकारियों पर मृतक आश्रितों की नियुक्तियों में धन उगाही, वेतन सत्यापन के नाम पर रिश्वत और शिक्षकों का शोषण करने का आरोप है। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि सत्यापन की प्रक्रिया को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है। शिक्षकों से 15-20 हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। जिनसे पैसे नहीं लिए गए। उनके वेतन रोके जाने के भी आरोप लगे हैं। देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने अपर निदेशक बेसिक शिक्षा को पत्र लिखकर स्थलीय एवं अभिलेखीय जांच कर रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
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मृतक आश्रित की नियुक्ति के मामले में 4 से 5 लाख रुपये मांगने का आरोप

राम सरन सिंह के अनुसार, मृतक आश्रितों की नियुक्ति के लिए शिक्षकों से 4-5 लाख रुपये तक की मांग की जा रही है। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से 2 लाख रुपये लिए जाने की बात सामने आई है। इसके अलावा, सत्यापन प्रक्रिया में भी धांधली के आरोप हैं। जिसमें सत्यापन रोककर रिश्वत मांगी जाती है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि रिश्वत न देने वाले करीब 60 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है। जिससे वे आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें से कई शिक्षक बीते 8 महीनों से वेतन न मिलने के कारण परेशान हैं। बिना वेतन के पढ़ाने को मजबूर हैं।

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