आज से शुरू होने वाला था मेला, नहीं मिला प्रशासन का कोई
गोरखपुर शहर के राप्ती नदी के किनारे बहरामपुर क्षेत्र स्थित बाले मियां के मैदान में एक महीने तक मेला लगता है। लेकिन इस बार मेला प्रबंधन अब तक कोई तैयारी नहीं किया जबकि आज से मेला शुरू होना था। कमेटी की ओर से अनुमति के लिए जिला प्रशासन के पास आवेदन किया गया था लेकिन इस संबंध में अभी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है , न ही मेले पर रोक लगाने से जुड़ा कोई आदेश भी नहीं जारी किया गया है। फिलहाल कमेटी अनुमति न मिलने के कारण असमंजस में है।इस बीच, हर्बर्ट बांध के चल रहे चौड़ीकरण कार्य के कारण मेला मैदान में बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री जमा हो गई है। स्थानीय लोगों का अनुमान है कि परिसर में निर्माण सामग्री के चलते भी इस बार मेला आयोजित नहीं किया जा सका।
बहराइच SP का आदेश …नहीं लाएगा जिले में कोई मेले से बारात
यहां के मुतवल्ली मोहम्मद इस्लाम हाशमी ने बताया था कि यह मेला 18 मई से शुरू होकर 16 जून तक चलेगा। उन्होंने इसके लिए प्रशासन से अनुमति लेने की बात भी कही थी। लेकिन शनिवार की शाम तक कोई अनुमति नहीं मिली इसलिए बाले मियां के मैदान में कोई तैयारी नहीं थी। बता दें कि बहराइच में लगने वाले मेले में गोरखपुर सहित आसपास के विभिन्न हिस्सों से लोग बारात लेकर जाते हैं। गोरखपुर से भी कुछ लोग बारात लेकर जाते हैं। बहराइच के एसपी की ओर से हर जिले को पत्र लिखकर ऐसे लोगों को जिले में ही रोकने को कहा गया था। गोरखपुर प्रशासन की ओर से भी कोई क्लियर कट आदेश नहीं मिला है।
जानिए कौन होता था गाजी
गाजी (Ghazi) एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है “योद्धा” या “विजेता”। यह उपाधि आमतौर पर उन मुस्लिम योद्धाओं के लिए इस्तेमाल की जाती है जो गैर-मुस्लिमों के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल करते हैं।