दरअसल मुरैना में जल जीवन मिशन में हुए घोटाले की शिकायत मुख्य अभियंता पीएचई ग्वालियर प्राप्त हुई। इस शिकायत की जांच के लिए 12 बिंदु तय किए गए। अधीक्षण यंत्री की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। इस कमेटी 12 बिंदुओं के आधार पर जांच की। इस जांच में सामने आया कि ठेकेदारों ने सीपेट की फर्जी रिपोर्ट तैयार की और रिपोर्ट भुगतान के साथ जमा कर दी। कार्यपालन यंत्री ने राशि का भुगतान कर दिया।
क्या है सीपेट
केंद्र शासन ने जल जीवन मिशन के कामों की जांच की जिम्मेदारी सीपेट संस्था संस्था को दी है। इस संस्था को जल जीवन मिशन में उपयोग लिए गए सामान व मानक के अनुसार काम किया है या नहीं। इसकी रिपोर्ट पेश करनी होती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर भुगतान किया जाएगा, लेकिन ठेकेदारों ने सीपेट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर भुगतान प्राप्त कर लिया।पूरे जिले की जांच हुई तो खुल सकता है बड़ा घोटाला
-मुरैना जिले में 700 करोड़ रुपए के काम किए गए हैं। पानी की टंकी व पाइप लाइन बिछाना का काम किया गया है। अलग-अलग फर्मों ने ठेका लिया है। सात फर्मों ने बड़े घोटाले को अंजाम दे दिया। पूरे जिले की जांच होती है तो करोड़ों का घोटाला उजागर हो सकता है।
-रामेश्वर दयाल रावत की फर्म ने फर्जी रिपोर्ट के आधार पर भुगतान लेने की कोशिश की, लेकिन उसे भुगतान नहीं सका।
इन ठेकेदारों ने किया फर्जीवाड़ा
ठेकेदार – भुगतान-मैसर्स मीरा धाकड़ – 18030445
-हरिसिद्धि कंस्ट्रक्शन – 1892876
-मैसर्स सूरज शर्मा – 1538868
-प्रजाबंधू तिवारी – 830547
-आर्यन कंस्ट्रक्शन – 200000
-राम्या कंस्ट्रक्शन – 366600
-मैसर्स दंडौतिया कंस्ट्रक्शन – 5755386
एफआइआर कराएंगे
जांच कमेटी की रिपोर्ट आ गई है। सीपेट की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर भुगतान लिए गए हैं। ठेकेदारों से राशि वसूल कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएंगे। -आरएलएस मौर्य, मुख्य अभियंता पीएचई