खेरिया मिर्धा (महाराजपुरा) में रामअवतार बघेल (55) की हत्या हो गई। उन्हें मनीराम बघेल, रामबरन बघेल, नरेश, भारत, तेज सिंह, सुरेश और अशोक बघेल ने मार डाला। केदार सिंह बघेल ने बताया, खेरिया मिर्धा गांव में उनके परिवार की खेतीबाड़ी है, उससे सटी सरकारी जमीन है। इस पर उनके ही गांव में रहने वाले सोबरन सिंह बघेल ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद सोबरन का परिवार उनकी भी एक बीघा जमीन को अपनी बता रहा है। इसी मसले पर मंगलवार को गांव में पंचायत बैठी थी।
पंचायत का रुख समझकर हमला
केदार ने बताया, सोबरन का परिवार समझ गया था कि पंचायत के सामने उनका पक्ष कमजोर साबित हो रहा है, इसलिए इन लोगों ने अचानक पंचायत में घुसकर लाठियों से हमला कर दिया। चाचा रामअवतार बघेल ने इन लोगों को रोका तो उन्हें लाठियों से पीटा। रामअवतार के सिर में गहरी चोट आई। हमला कर आरोपी भाग गए। राम अवतार की हालत नाजुक थी। उन्हें पहले निजी अस्पताल ले गए, यहां इलाज से लाभ नहीं मिला तो उन्हें दिल्ली ले गए। लेकिन आधे रास्ते में सोबरन की मौत हो गई। बुधवार सुबह उनकी लाश को परिजन वापस लेकर लौटे। सीएसपी नागेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया, रामअवतार की मौत के बाद आरोपियों पर हत्या का केस दर्ज किया है।
पंचायत में दूसरी हत्या
28 दिन पहले गिरवाई में सरपंच शिवचरण सिंह के बेटे पुरुषोत्तम की चचेरे भाई रामवरण सिंह ने गोली मारकर हत्या की थी। शिवचरण सिंह का भी हत्यारोपी से पुश्तैनी जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था। इसे लेकर गांव में रिश्तेदारों की पंचायत बैठी थी। रामवरण सिंह को पंचायत में बात रखना नागवार लगा था, उसने पंचायत में घुसकर पुरुषोत्तम की हत्या की और शिवचरण को जख्मी किया था।