अब डीजीपी कैलाश मकवाना ने डिजिटल(Digital Work) विवेचना के बारे में पूछा है तो बक्से में बंद टेबलेट बाहर निकाले गए हैं। विवेचकों (हवलदार से लेकर निरीक्षक) की क्लास लगाकर उन्हें टेबलेट के इस्तेमाल और इन पर लिखा पढ़ी का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
पारर्दिशता के लिए बदलाव
पुलिस अधिकारी कहते हैं अक्सर विवेचकों पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने मौके पर जाकर घटना स्थल का नक्शा मौका बनाने की बजाए थाने में बैठकर ही कागजों पर खाका खींचा है। इसके अलावा बदमाशों की गिरतारी में हथियार की बरामदगी पर भी सवाल उठते हैं। अब ई- विवेचना में पूरा घटनाक्रम टेबलेट के कैमरे की नजर में होगा तो आरोप, प्रत्यारोप की गुजाइंश नहीं होगी।
इस तरह होगी ई- विवेचना
पुराने ढर्रे पर विवेचना का तरीका बदलने की कवायद में पुलिसकर्मियों को सिखाया जा रहा है कि इंवेस्टीगेशन का लेखा जोखा (केस डायरी) अब कागजों पर टेबलेट पर दर्ज होगा। इसलिए विवेचक (इंवेस्टीगेशन ऑफीसर) अपने बस्ते में टेबलेट रखेंगे। घटनास्थल पर पहुंचकर नक्शा मौका कागज पर नहीं खींचा जाएगा बल्कि टेबलेट में मौके (जहां घटना हुई है) का फोटो खींचेंगे। इसी तरह अपराधी की गिरतारी में भी टेबलेट का इस्तेमाल होगा। इस दौरान अपराधी की गिरतारी और उससे मिले हथियार का लाइव वीडियो बनाया जाएगा। उसका ब्यौरा टेबलेट में टाइप कर दर्ज कराना होगा। टाइपिंग में दिक्कत आती है तो विवेचक बोलकर टाइप (वॉयस टाइपिंग) ऑप्शन का इस्तेमाल करेंगे।
इधर क्लिक उधर रेकार्ड होगा ब्यौरा
ई- विवेचना में पुलिसकर्मी जो लेखा जोखा, फोटो और वीडियो टेबलेट पर दर्ज करेंगे वह क्लिक होते ही पुलिस के सीसीटीएनएस के जरिए रेकार्ड में दर्ज होगा। अदालत में सुनवाई के दौरान विवेचक टेबलेट के जरिए ही केस डायरी और उसमें दर्ज सबूतों को पेश करेंगे।
डिजिटल होगी विवेचना, थाना स्तर पर ट्रेनिंंग
विवेचना को डिजिटल करने के लिए थाना स्तर पर टेबलेट दिए गए हैं। केस की विवेचना में इनका इस्तेमाल होगा। इसलिए विवेचकों को टेबलेट पर लिखा पढ़ी और साक्ष्यों को दर्ज कराने का तरीका सिखाया जा रहा है।