इस वर्ष राज्य में सरसों का लगभग 62 लाख एमटी उत्पादन होने का अनुमान है। भारत सरकार की ओर से निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप राज्य में सरसों की 13.89 लाख एमटी खरीद होना प्रस्तावित है। समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद को लेकर किसान एक अप्रेल से ई-मित्र के माध्यम से पंजीयन करवा सकेंगे। इसके बाद खरीद कार्य दस अप्रेल से होना संभावित है। समर्थन मूल्य पर खरीद बायोमीट्रिक अभिप्रमाणन के आधार पर की जाएगी।
तैयारी भी अधूरी
हनुमानगढ़ जिले में सरसों खरीद को लेकर 19 केंद्र घोषित किए गए हैं। इनमें आठ क्रय विक्रय सहकारी समितियां व बाकी ग्राम सेवा सहकारी समितियां शामिल हैं। दस अप्रेल से संभावित खरीद से पहले उठाव आदि कार्य के टेंडर को अंतिम रूप देने में अधिकारी लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि 27 मार्च को तकनीकी खराबी के चलते कुछ केंद्रों के उठाव कार्य संबंधी टेंडर नहीं हो पाए। मतलब खरीद की तैयारी अभी आधी-अधूरी है। यही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों की बताई जा रही है।
भारतीय किसान संघ राजस्थान शाखा भादरा के अध्यक्ष जगदीशचंद्र शेखू के अनुसार सरसों खरीद में एक जन आधार में जितने भी कृषक सदस्य हैं व जिनके नाम जमीन है, उन सभी कृषकों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जानी चाहिए। एक जन आधार पर एक तुलवाई की व्यवस्था बंद करनी चाहिए। एफसीआई की तर्ज पर जन आधार कार्ड के मार्फत सरसों में सहमति पत्र के आधार पर फसल खरीद की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। ताकि सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके। समर्थन मूल्य पर खरीद की गई सरसों चना की तुलाई के उपरांत किसान को शीघ्र भुगतान करने की समुचित व्यवस्था भी करने की जरूरत है।
मंडी में सरसों बेचने के लिए आया हूं। सरकारी भाव नहीं मिलने पर करीब तीस क्विंटल सरसों प्राइवेट में व्यापारियों को दिया है। इसके औसत भाव 5400 रुपए प्रति क्विंटल लगे हैं। प्रति क्विंटल पांच सौ रुपए का नुकसान हुआ है।
-निर्भय सिंह, किसान, गांव मानुका।