Cancer Treatment : खून की एक बूंद करेगी कैंसर का सही इलाज, नई ब्लड टेस्ट विधि तैयार
Cancer detection blood test : कैंसर के मरीजों के लिए खुशखबरी है। कैंसर के उपचार में एक नै क्रांति आ सकती है। एक ब्लड टेस्ट का परीक्षण किया जा रहा है जो कैंसर के इलाज के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है।
Blood test for cancer Treatment : मैनचेस्टर, यूके के क्रिस्टी अस्पताल में एक नई क्रांतिकारी ब्लड टेस्ट पर परीक्षण चल रहा है, जो कैंसर के इलाज (Cancer Treatment) के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है। यह परीक्षण ‘टार्गेट नेशनल स्टडी’ का हिस्सा है और इसका उद्देश्य मरीजों के डीएनए का अध्ययन करके उनके लिए सर्वोत्तम थेरेपी निर्धारित करना है। यदि यह विधि सफल होती है, तो इसे जल्द ही एनएचएस (NHS) की नियमित सेवाओं में शामिल किया जा सकता है।
व्यक्तिगत चिकित्सा की ओर एक कदम : New cancer treatment breakthrough
इस अध्ययन के मुख्य अन्वेषक, डॉ. मैथ्यू क्रेब्स ने स्काई न्यूज़ से बातचीत में कहा कि यह शोध कैंसर रोगियों के लिए “प्रिसीजन मेडिसिन” (सटीक चिकित्सा) को सुलभ बना रहा है। उन्होंने बताया, “कैंसर से प्रभावित कोशिकाओं के डीएनए के छोटे-छोटे टुकड़े रक्त प्रवाह में घूमते रहते हैं। इस डीएनए को निकाला और विश्लेषण किया जा सकता है, जिससे विशेष उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) की पहचान कर व्यक्तिगत उपचार सुझाया जाता है।”
पारंपरिक तरीकों से अलग नया तरीका DNA-based cancer Treatment therapy
डॉ. क्रेब्स ने बताया कि यह तकनीक कैंसर उपचार को अधिक व्यक्तिगत बनाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, “सामान्य कीमोथेरेपी दवाओं के बजाय, यह उपचार विशेष रूप से रोगी की आवश्यकताओं के अनुसार होगा।”
यह पारंपरिक विधियों से पूरी तरह भिन्न है, जहां कैंसर रोगियों के लिए जेनेटिक और डीएनए परीक्षण आमतौर पर बायोप्सी के माध्यम से किया जाता है। बायोप्सी प्रक्रिया काफी जटिल और दर्दनाक हो सकती है, जबकि यह नया ब्लड टेस्ट एक सरल और कम कष्टदायक तरीका है।
टार्गेट नेशनल स्टडी को क्रिस्टी चैरिटी और सर बॉबी रॉबसन फाउंडेशन द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त है और इसका लक्ष्य 6,000 रोगियों की भर्ती करना है।
इस अध्ययन का उद्देश्य यह देखना है कि क्या यह ‘लिक्विड बायोप्सी’ मरीजों के परिणामों को बेहतर बना सकती है। डॉ. क्रेब्स ने स्वीकार किया कि यह विधि “हर किसी के लिए काम नहीं करेगी,” लेकिन इसने पहले से ही कुछ उन्नत कैंसर रोगियों को दवा परीक्षणों से जोड़ने में मदद की है।
मरीजों की सफलता की कहानी
ब्लड टेस्ट से इलाज का सही विकल्प मिला
78 वर्षीय पामेला गार्नर-जोंस, जो टार्गेट नेशनल स्टडी में भाग ले रही हैं, उनकी इनऑपरेबल स्टेज 4 सर्वाइकल कैंसर को एक नए इम्यूनोथेरेपी दवा परीक्षण से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली।
इस ब्लड टेस्ट की मदद से उन्हें इस परीक्षण के लिए चयनित किया गया। “ईमानदारी से कहूं तो, मैं इससे अधिक कुछ नहीं मांग सकती,” उन्होंने स्काई न्यूज़ को बताया। उनके ट्यूमर का आकार इस उपचार के बाद दो-तिहाई तक सिकुड़ गया।
यह ब्लड टेस्ट कैंसर के इलाज (Cancer Treatment) में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यदि यह व्यापक रूप से सफल होता है, तो भविष्य में कैंसर के इलाज के लिए एक नई और अधिक प्रभावी रणनीति बन सकती है।
New Blood Test Innovation: आंतों के कैंसर का नया ब्लड टेस्ट
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