नग्न आंखों से नहीं दिखाई देता : Microplastics and Nanoplastics
माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स इतने हल्के होते हैं कि इन्हें नग्न आंखों से देख भी नहीं सकते हैं। माइक्रोप्लास्टिक्स 5 मिलीमीटर से भी कम और नैनोप्लास्टिक्स एक मीटर के अरबवें हिस्से में मापा जाता है। ये पर्यावरण काफी व्यापक रूप में मौजूद है। पिछले के शोध बताते हैं कि प्लास्टिक का इस्तेमाल सामान्यतः पर्यावरण और मनुष्य दोनों के लिए हानिकारक होता है। गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा में प्लास्टिक जमा होने की संभावना
बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन, टेक्सास चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल और न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने यह पाया कि जो बच्चे समय से पहले जन्मे है उनमें बच्चो के प्लेसेंटा में माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स का स्तर काफी अधिक था। इनका स्तर मानव रक्त में पहले मापे गए स्तर से भी कहीं अधिक ऊंचे स्तर पर था। इससे यह पता चला कि गर्भावस्था के दौरान प्लेसेंटा में प्लास्टिक जमा होने की संभावना थी और समय से पहले जन्म के मामलों में इसका जोखिम और संचय अधिक होता था।
एनरिको आर. बरोजो के अनुसार
मुख लेखक एनरिको आर. बरोजो के अनुसार कहना है कि समय से पहले जन्मे बच्चों में प्लेसेंटा की उच्च सांद्रता का पाया जाना आश्चर्यजनक था, क्योंकि यदि यह गर्भावस्था की अवधि का परिणाम होता तो आप जो अपेक्षा करते, वह इसके विपरीत होती। टीम का कहना है समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की तुलना में समय से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं के प्लेसेंटा में अधिक माइक्रोप्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक होते हैं।
एसएमएफएम की वार्षिक बैठक
माइक्रोप्लास्टिक्स और नैनोप्लास्टिक्स के विरुद्ध बढ़ते प्रमाणों में शामिल यह अध्ययन बताता है कि हृदय रोग से लेकर संभावित स्ट्रोक तक हो सकते हैं। टीम का कहना है कि यह मानव स्वास्थ्य और बीमारी पर प्लास्टिक के संपर्क के वास्तविक जोखिम को दर्शाता है। इस अध्ययन को मेरिका के कोलोराडो में चल रही सोसायटी फॉर मैटरनल-फेटल मेडिसिन की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया जाना है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।