वर्तमान में इस जांच की प्रक्रिया दर्दनाक
वर्तमान में एमडीएस का पता लगाने के लिए बोन मैरो नमूने की जांच करवाना आवश्यक होता है। इस जांच के दौरान एनीसथीसिया का उपयोग किया जाताहै जो इसे दर्दनाक और असुविधाजनक बना देता है। लेकिन नए रक्त परिक्षण की मदद से इस परेशानी को खत्म किया जा सकता है।
रक्त के नमूने से करेगा बीमारी की पहचान
इजरायल के वीजमैन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के शोधकर्ताओं ने पाया है कि रक्तप्रवाह में मौजूद दुर्लभ स्टेम कोशिकाएं एमडीएस के शुरुआती संकेत बता सकती है। शोध के दौरान बेहतरीन तकनीक और सिंगल-सेल जेनेटिक सिक्वेंसिंग का उपयोग कर के इन कोशिकाओं पर रिसर्च कर यह टेस्ट तैयार किया गया। इस टेस्ट की मदद से एक साधारण रक्त का नमूना लेकर बीमारी का पता लगाया जा सकता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह टेस्टट भविष्य में एमडीएस के साथ साथ अन्य आयु-संबंधी रक्त विकारों की पहचान में भी मददगार साबित हो सकता है।
इसलिए पुरुषों को अधिक होता है रक्त कैंसर
अध्ययन में यह भी सामने आया है कि हमारी स्टेम सेल्स एक बायोलॉजिकल क्लॉक की तरह काम करती हैं। यह व्यक्ति की उम्र के बारें में जानकारी प्रदान करती है। शोध के अनुसार, महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में इन कोशिकाओं में जल्दी बदलाव होता है जिसके कारण पुरुषों में रक्त कैंसर के मामले ज्यादा सामने आते है।
शोधकर्ताओं ने कही यह बात
वीजमैन इंस्टीट्यूट की डॉ. नीली फ्यूरर ने कहा, ये कोशिकाएं उम्र के साथ बदलती हैं और पुरुषों में इनका बदलाव ज्यादा जल्दी देखने को मिलता है, जिससे उन्हें कैंसर होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने आगे कहा, यह नया परीक्षण रक्त कैंसर की पहचान को आसान और कम दर्दनाक बना सकता है। इसके साथ ही, भविष्य में इसकी मदद से दूसरी उम्र से जुड़ी खून की बीमारियों का पता लगाने में भी मदद मिल सकती है। दुनिया के कई बड़े अस्पतालों में इस खोज को लेकर परीक्षण किए जा रहे है।