Reflexology Therapy : सिरदर्द, तनाव, थकावट, पेट की तकलीफ से राहत दिलातीं हथेलियां, जानिए क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी
Hand Reflexology Points : रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्राचीन तकनीक है जो हाथों या पैरों के विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालकर दर्द और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद करती है। प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा के अनुसार, यह समस्याओं का इलाज नहीं करती, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी तकलीफों में राहत दिलाती है।
Reflexology Therapy : सिरदर्द, तनाव, थकावट, पेट की तकलीफ से राहत दिलातीं हथेलियां, जानिए क्या है रिफ्लेक्सोलॉजी (फोटो सोर्स : Freepik)
Reflexology Therapy : रिफ्लेक्सोलॉजी एक प्राचीन तकनीक है जिसमें हाथों या पैरों के विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालकर जीवनशैली की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। यह तकनीक मूल रूप से समस्याओं का इलाज नहीं करती है, लेकिन दर्द को कम करने और स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है। प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. रमाकांत शर्मा से रिफ्लेक्सोलॉजी चार्ट के माध्यम से समझते हैं ये कैसे काम करती है।
यह एक प्रकार की मसाज है जिससे शरीर के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया में शरीर के विभिन्न अंगों में प्रेशर देकर स्ट्रेस कम किया जाता है।
पामर रिफ्लेक्स पॉइंट्स (Hand Reflexology Points)
पामर रिफ्लेक्स पॉइंट्स (हथेलियों पर रिफ्लेक्स पॉइंट) विभिन्न अंगों से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इन बिंदुओं पर थोड़ा दबाव डालने से शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रिया सक्रिय होती है और स्वास्थ्य समस्याओं में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
Reflexology Therapy : (फोटो सोर्स: Patrika Design Team)1. मस्तिष्क और सिर बिंदु: अंगूठा और अंगुलियों के सिरे। रोग: सिरदर्द, माइग्रेन, अनिद्रा, तनाव 2. साइनस और आंखें
बिंदु: अंगुलियों के सिरे रोग: साइनसिटिस, एलर्जी, आंखों की समस्याएं 3. कान बिंदु: अंगुलियों के किनारे रोग: कान दर्द, सुनने की समस्याएं, टिनिटस 4. गला और गर्दन बिंदु: अंगुलियों के आधार
6. हृदय बिंदु: हथेली का मध्य भाग रोग: हृदय समस्याएं, बीपी, तनाव 7. पाचन तंत्र बिंदु: हथेली का निचला भाग रोग: कब्ज, गैस, पेटदर्द 8. गुर्दे और एड्रिनल ग्रंथि
बिंदु: हाथ के पिछले हिस्से का निचला भाग रोग: गुर्दे की समस्याएं, एड्रिनल समस्याएं, रक्तचाप समस्याएं।
इन बातों का रखें ध्यान (Reflexology Therapy)
सही तकनीक जानने के लिए किसी योग्य रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट की सलाह लें। हल्का दबाव दें। दर्द या असहजता से बचें। गर्भावस्था विशेष रूप से शुरुआती तीन महीनों में एवं हाल में हुए फ्रैक्चर या चोट लगने पर न करें। नियमित अभ्यास से शरीर की नाड़ी एक्टिव होने से पीड़ा से राहत मिलती है।
डॉ. रमाकांत शर्मा प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ बीमारियों में फायदेमंद प्राकृतिक चिकित्सा
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