Vibhu Raghav Cancer: आंत के कैंसर से एक्टर विभु राघव की मौत, जानिए कितना खतरनाक है Colon Cancer
Vibhu Raghav Cancer: टेलीविजन इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता विभु राघव ने चौथे स्टेज के कोलोन कैंसर से लंबे समय तक जूझते हुए आखिरकार मुंबई में अपनी अंतिम सांस ली। कोलोन कैंसर, जिसे आंत का कैंसर भी कहा जाता है, एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है। आइए जानते हैं कोलोन कैंसर क्या होता है और इसके इलाज के विकल्प क्या हैं।
Vibhu Raghav Cancer: टेलीविजन इंडस्ट्री के मशहूर अभिनेता विभु राघव ने चौथे स्टेज के कोलोन कैंसर से लंबे समय तक संघर्ष करते हुए आखिरकार मुंबई में अंतिम सांस ली। कोलोन कैंसर, जिसे आंत का कैंसर भी कहा जाता है, बड़ी आंत के अंदरूनी हिस्से में विकसित होने वाला एक घातक रोग है। हालांकि शुरुआती दौर में कोलोन कैंसर के लक्षण सामान्य पेट की समस्याओं जैसे दिख सकते हैं, इसलिए इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। विभु राघव के मामले में, उन्हें जब यह बीमारी पता चली, तब वह काफी एडवांस्ड स्टेज में थी।तो आइए जानते हैं कोलोन कैंसर के लक्षण, स्टेज और ट्रीटमेंट के बारे में, और समझते हैं कि यह बीमारी क्या होती है।
अभिनेता विभु राघव ने कैंसर के साथ लंबे समय तक जंग लड़ी, लेकिन आखिर तक लड़ते लड़ते बीमारी ने उनकी हिम्मत तोड़ दी और उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली। असल नाम वैभव कुमार सिंह राघव था, लेकिन वे अपनी पहचान विभु राघव के नाम से ही बना चुके थे। विभु टेलीविजन इंडस्ट्री के लोकप्रिय कलाकारों में से एक थे और करियर में उन्होंने कई अन्य शो भी किए हैं, जिनमें ‘सुव्रीन गुग्गल – टॉपर्स ऑफ द ईयर’, ‘पिचवर्क’ और ‘रिदम’ शामिल हैं, जहां उनके अभिनय ने दर्शकों का दिल जीता।। उन्हें साल 2022 में कैंसर का पता चला था, और उन्होंने इस मुश्किल दौर के बारे में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर खुलकर अपने फैंस के साथ साझा किया था।
भारत में कोलोरेक्टल कैंसर के कुल मामले
National Library Of Medicine के अनुसार भारत में कोलोन कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में। उदाहरण के लिए, भारत में कोलोरेक्टल कैंसर (CRC) का आयु-मानकीकृत दर (ASR) पुरुषों में प्रति 100,000 जनसंख्या 7.2 और महिलाओं में प्रति 100,000 जनसंख्या 5.1 है, जो अपेक्षाकृत कम माना जाता है।
कोलन कैंसर क्या होता है?
कोलन कैंसर (Colon Cancer), जिसे बड़ी आंत का कैंसर भी कहा जाता है, पाचन तंत्र की बड़ी आंत में विकसित होने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह तब होता है जब आंत की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप धारण कर लेती हैं। यह कैंसर आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन अगर इसे समय रहते पहचान कर इलाज न किया जाए तो यह शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है। कोलन कैंसर ज्यादातर 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में पाया जाता है, हालांकि किसी भी उम्र में इसका खतरा हो सकता है।
संतुलित आहार: ज्यादा फाइबर और कम वसा वाला भोजन कोलन कैंसर के खतरे को घटाने में मदद करता है। साबुत अनाज, ताजा फल और सब्जियों का सेवन आंत को स्वस्थ बनाए रखता है।
नियमित व्यायाम: रोजाना व्यायाम करने से शरीर फिट रहता है और वजन नियंत्रण में रहता है, जिससे कोलन कैंसर का जोखिम कम होता है। वजन बनाए रखना: अत्यधिक मोटापा या अधिक वजन भी इस कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखना जरूरी है।
स्क्रीनिंग टेस्ट: 45 वर्ष की उम्र के बाद नियमित रूप से कोलन कैंसर की जांच कराते रहना चाहिए, खासकर अगर परिवार में इस रोग का इतिहास हो। धूम्रपान और शराब से परहेज: तंबाकू और शराब के सेवन से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इससे दूरी बनाना बेहतर होता है।
कोलन कैंसर का उपचार
सर्जरी: कोलन कैंसर के इलाज में सर्जरी सबसे प्रभावी तरीका है, जिसमें कैंसर से प्रभावित आंत के हिस्से को हटाया जाता है। यदि कैंसर फैल चुका हो तो अन्य प्रभावित अंगों को भी ऑपरेशन के जरिए निकाला जा सकता है।
कीमोथेरेपी: यह दवाओं के माध्यम से कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने की प्रक्रिया है। अक्सर सर्जरी के बाद दी जाती है ताकि बची हुई कैंसर कोशिकाएं भी नष्ट हो सकें और कैंसर फिर से न बढ़े।
रेडियोथेरेपी: इस इलाज में हाई रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है, जो ट्यूमर को छोटा करता है और सर्जरी के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।