जैन: वर्ष 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हुब्बल्ली आए थे, तब केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार एवं अन्य सांसदों-विधायकों के साथ मिलकर बेंगलूरु से गुजरात एवं राजस्थान के लिए सीधी रेल सेवा की मांग की थी। तब केन्द्रीय मंत्री ने हमारी अनुशंसा पर वर्ष 2002 में बेंगलूरु-जोधपुर के लिए सीधी रेल सेवा की शुरुआत की। उसके बाद से प्रवासियों की मांग पर बेंगलूरु-अजमेर एवं बेंगलूरु-गांधीधाम रेल सेवा के साथ ही अन्य रेल सेवाओं के लिए प्रयास किए। हुब्बल्ली से मुम्बई, होसपेट से मुम्बई तथा बेंगलूरु-जयपुर सेवाओं के लिए प्रयास किया गया।
जैन: कर्नाटक से राजस्थान के लिए विभिन्न मार्गों पर करीब एक दर्जन रेल सेवाओं का संचालन हो रहा है। इनमें अधिकांश रेल सेवाएं बेंगलूरु, हुब्बल्ली मार्ग से महाराष्ट्र एवं गुजरात होते हुए राजस्थान तक संचालित हो रही है। वर्तमान में कर्नाटक से राजस्थान के लिए रेल सेवाओं के संचालन में और बढ़ोतरी की दरकार है। खासकर गर्मियों के अवकाश एवं शादी-विवाह के सीजन के समय मांग अधिक रहती है। त्योहार के दौरान कई मार्ग पर विशेष ट्रेनों का संचालन किया जाता है, इसके नियमित करने के लिए भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
जैन: कर्नाटक से राजस्थान के जोधपुर, बालोतरा, पाली, जालोर, सिरोही, बाड़मेर, फलोदी, बीकानेर, जयपुर एवं अजमेर के लिए मांग अधिक रहती है। मेरे दादा शाह शेराजी पालरेचा बैलगाड़ी पर सवार होकर हगरीबोनहल्ली के मोहरगेरी कस्बे में आए। उसके बाद होसपेट को कर्मभूमि बनाया। पिता गिरधारीलाल करीब पांच जगह ट्रेन बदलकर होसपेट पहुंचते थे। तब मेरी इच्छा थी कि कर्मभूमि होसपेट से जन्मभूमि मोकलसर के लिए सीधी ट्रेन सेवा के जरिए पहुंचूं। रेल मंत्री एवं रेलवे अधिकारियों से समय-समय पर मुलाकात की। उस दौरान बेंगलूरु से चलने वाली ट्रेन वाया दावणगेरे-हुब्बल्ली होकर जाती थी। इसमें दो साप्ताहिक ट्रेनेें होसपेटे होते हुए शुरू हुई। तब भीलड़ी-समदड़ी ब्रॉडगेज लाइन नहीं होने से आबूरोड-फालना होते हुए जोधपुर एवं अजमेर तक सीधी रेल सेवा शुरू हुई। वर्ष 2010 में भीलड़ी-समदड़ी ब्रॉडगेज लाइन शुरू होने के बाद 5 मई 2014 को पहली बार यशवंतपुर-बाड़मेर साप्ताहिक वातानुकूलित रेल शुरू हुई। यह ट्रेन मोकलसर-जालोर होते हुए बाड़मेर पहुंचती है। इस ट्रेन को प्रतिदिन चलाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
जैन: कर्नाटक के बेंगलूरु के साथ ही मैसूरु, बेलगावी, हुब्बल्ली, विजयपुर, दावणगेरे, चित्रदुर्ग, बल्लारी, शिवमोगा, होसपेट, गदग, धारवाड़, रायचूर, सिंधनूर, कोप्पल समेत कई शहरों में राजस्थान मूल के लोग बहुतायत में निवास कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान से कर्नाटक आने वाले लोगों की रफ्तार में कमी आर्ई है। मौजूदा समय में राजस्थान में रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी हुई है, इसका असर भी हुआ है। ऐसे में अधिकांश युवाओं को राजस्थान में ही रोजगार मिलने लगा है।
जैन: मैं सबसे पहले वर्ष 1991 में हुब्बल्ली डिवीजन में मंडल रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति का सदस्य बना, तब हुब्बल्ली डिवीजन दक्षिण जोन के सिकंदराबाद के अधीन आता था। इसके बाद वर्ष 2003 में दक्षिण-पश्चिमी जोन का मुख्यालय हुब्बल्ली को बनाया गया। इसके बाद क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति का सदस्य बना। राष्ट्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री परिषद का पांच बार सदस्य रहा। पिछले 35 वर्ष से मैं लगातार रेलवे की कमेटियों में मनोनीत होता रहा हूं। राजस्थान के साथ ही दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए भी रेलवे सुविधाओं के लिए लगातार प्रयास किया। लम्बी दूरी की ट्रेनों में सुरक्षा एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन के साथ ही बेहतर स्वच्छता के लिए समय-समय पर सुझाव दिए हैं। सफाई की व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है। बेंगलूरु-दिल्ली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस वाया होसपेट होकर चल रही है। रेल मंत्री एवं रेलवे के अधिकारियों के सहयोग से कई साप्ताहिक एवं नियमित ट्रेनों को वाया होसपेट चलाया जा रहा है। पिछले दिनों केन्द्रीय रेल राज्यमंत्री से मुलाकात कर बेंगलूरु से होसपेट के लिए वन्दे भारत ट्रेन चलाने की मांग की है।