शहर के मुख्य हनुमान मंदिरों में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई थीं। पंडितों द्वारा विशेष पूजन, अभिषेक और आरती का आयोजन किया गया। कई मंदिरों में दिनभर भजन संध्या और राम कथा जैसे कार्यक्रम चलते रहे। इस अवसर पर शहर में शोभायात्राओं का भी आयोजन हुआ, जिसमें झांकियों, गाजे-बाजे और राम भक्तों के समूहों ने भाग लिया। युवा वर्ग ने भगवा ध्वज के साथ नारे लगाते हुए भक्ति और उत्साह दिखाया। हनुमानजी के विविध स्वरूपों की झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल तैनात किया गया था और ट्रैफिक को सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे आयोजन शांतिपूर्वक सम्पन्न हो सका। हनुमान जयंती के इस पर्व ने समाज में भक्ति, एकता और सांस्कृतिक चेतना को एक बार फिर जीवंत कर दिया। श्रद्धालुओं ने भगवान हनुमान से बल, बुद्धि, और विजय की कामना की और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।