हुकमचंद पॉली क्लिनिक अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, 21 मार्च को 450 नए केस अस्पताल पहुंचे। पहले से डॉग बाइट((Dog Bite)) का शिकार लोग बड़ी संख्या में इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। शहर में जिला अस्पताल, बाणगंगा सिविल अस्पताल, हुकमचंद पॉली क्लिनिक में ही टीकाकरण किया जा रहा है। आयुष्मान आरोग्य केंद्र में भी टीकाकरण का प्रावधान है, यहां टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। यहां पहुंचे मरीजों को हुकमचंद पॉली क्लिनिक भेज दिया जाता है। जिला अस्पताल, पीसी सेठी अस्पताल व बाणगंगा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी टीके लगाए जा रहे हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग सीधे हुकमचंद पॉली क्लिनिक पहुंचते हैं। कभी-कभी इन अस्पतालों में वाइल ही नहीं रहती है। लोगों की शिकायत है कि यह अव्यवस्था दूर नहीं हो रही है।
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अब गांवों में भी नसबंदी अभियान
नगर निगम के डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि शहर में लगभग 2 लाख डॉग((Dog Bite)) हैं। इनमें से 90 फीसदी की नसबंदी की जा चुकी है। 10 फीसदी बचे डॉग्स के लिए जोनवार अभियान चलाया जाएगा। शहरी सीमा में शामिल 29 गांवों में भी नसबंदी के लिए अभियान चलाना है। अभी दो एजेंसियों के माध्यम से रोजाना 80 के आसपास नसबंदी की जा रही है। हालांकि लोगों का कहना है कि नगर निगम के दावों के बावजूद शहर में कुत्तों की संया काफी ज्यादा है। हर क्षेत्र में लोग कुत्तों के हमलों से परेशान हैं।टीकाकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का है ऑर्डर
सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर है कि एंटी रैबीज वैक्सीन जिला अस्पताल के अलावा उससे नीचे अन्य अस्पतालों, ब्लॉक स्तर के अस्पतालों, यूपीएचसी व सिविल अस्पतालों में भी उपलब्ध रहे। शहर में 15 अर्बन यूपीएचसी (आयुष्मान आरोग्य केंद्र) में इसका पालन नहीं हो रहा है।शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 26 केंद्रों पर एंटी रैबीज टीकाकरण किया जा रहा है। सबसे अधिक केस हुकमचंद पॉली क्लिनिक में टीकाकरण के लिए आते हैं। सभी जगह टीके लगाने के इंतजाम किए गए हैं। किन अस्पतालों में एंटी रैबीज के टीके नहीं लग रहे हैं, यह जानकारी ली जाएगी। –डॉ. बीएस सैत्या, सीएमएचओ