पिछले तीन साल में जनवरी से लेकर नवंबर तक के आंकड़ों से यह स्पष्ट हो रहा है। ऐसे में पुलिस को कदम उठाना जरूरी है, वहीं शहरवासियों को भी सतर्कता बरतनी होगी। जानकारी अनुसार, सिस्टम लगातार सख्ती की बात करता है, लेकिन सच्चाई यह है कि महिला संबंधित अपराध कम नहीं हो रहे हैं। स्थिति है कि कई बार तो पुलिस केस दर्ज करने में आनाकानी कर पीड़ित पक्ष को समझाइश देकर रवाना कर देती है। घटनाएं छिपाने के लिए महिला अपराध से संबंधित आंकड़े भी सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं।
पुलिस के अधिकारिक रिकॉर्ड से ही साफ है कि बलात्कार व अपहरण के मामले बढ़ रहे हैं। अपहरण के मामलों में 80 प्रतिशत पीड़ित महिलाएं होती हैं, जिसमें नाबालिगों की संख्या ज्यादा है। अधिकारी मानते हैं कि छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन उसके आंकड़े देने से हाथ खड़े कर दिए जाते हैं।
पांच थाना क्षेत्रों में महिला अपराध सबसे ज्यादा
पुलिस छेड़छाड़ के आंकड़े सार्वजनिक नहीं करती, लेकिन इसमें वृद्धि होने की बात स्वीकारती है। पुलिस अफसरों के मुताबिक, आंकड़ों से साफ हुआ कि पांच थाना क्षेत्र, बाणगंगा, लसूडिय़ा, राजेंद्रनगर, चंदननगर व आजादनगर में बलात्कार, छेड़छाड़ आदि महिला अपराधों के मामले ज्यादा हैं। अब यहां बदमाशों पर सख्ती के साथ सोशल पुलिङ्क्षसग के जरिए वारदात रोकने के दावे किए जा रहे हैं। वर्ष – बलात्कार – अपहरण 2022 – 333 – 640 2023 – 341 – 679 2024 – 352 – 708
कार सवार महिला को छेड़ा, स्कूल-अस्पताल में भी हो रही घटनाएं
महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले बढ़ रहे हैं। सड़क के साथ ही अन्य जगहों पर भी वारदात हो रही हैं। पिछले दिनों द्वारकापुरी इलाके में ऐसा मामला आया, जिसमें कार में जा रही महिला के साथ स्कूटर सवार दो युवकों ने छेड़छाड़ कर हाथ लगाने का प्रयास किया। निजी और सरकारी स्कूल में स्टूडेंट्स के साथ छेड़छाड़ के मामले रिपोर्ट हुए हैं। निजी स्कूल में इलाज कराने गई किशोरी के साथ कर्मचारी द्वारा हरकत के प्रयास करने की घटनाएं हाल ही में सामने आई हैं।
महिला अपराध मामलों पर पुलिस सख्त है
महिला संबंधी अपराध पर पुलिस सख्त है। शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश हैं। घटना सामने आने पर बदमाशों पर सख्त कार्रवाई की जाती है। घटनाओं के आधार पर 5 थाना क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। महिलाओं, स्टूडेंट्स को अपने अधिकार को लेकर जागरूक करने के लिए सामाजिक संगठन व विशेषज्ञों को साथ लेकर सोशल पुलिङ्क्षसग भी की जा रही है। – मनोज श्रीवास्तव, एडिशनल पुलिस कमिश्नर