ये है मामला
निगम ने सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के नरवल स्थित एक सड़क के निर्माण में बाधक निर्माणों को बीते सप्ताह नोटिस जारी किए थे। प्रभावितों में से आधा दर्जन लोग हाईकोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट में निगम की कार्रवाई को गलत बताया था। सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने कहा था कि नगर निगम रिमूवल के लिए बीते दिसबंर माह में सुप्रीम कोर्ट ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसका पालन नहीं कर रहा है।कोर्ट ने स्पष्ट किए ये बिंदु
इसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लेख करते हुए साफ कहा कि नगर निगम इसका पालन करे बगैर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। ऐसे नोटिस की सेवा की तारीख से 15 दिनों के भीतर, जो भी बाद में हो, वापस किए जाने वाले पूर्व कारण बताओ नोटिस के बिना कोई विध्वंस नहीं किया जाना चाहिए।नोटिस में ये जानकारी होनी जरूरी
–अवैध निर्माण की प्रकृति। –उल्लंघन का विवरण और तोड़फोड़ का आधार। –उन दस्तावेजों की सूची, जो नोटिस प्राप्तकर्ता को अपने उत्तर के साथ प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।व्यक्तिगत सुनवाई में ये करना होगा
-नामित प्राधिकारी संबंधित व्यक्ति को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देगा।ये भी पढ़ें: टेनिस खेलकर लौटा, गश खाकर गिरा, बहन की शादी की तैयारियों के बीच सजी भाई की अर्थी