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इंदौर

बुलडोजर एक्शन पर सख्त हाईकोर्ट, SC की गाइडलाइन का पालन जरूरी, इस मामले में लगाया स्टे

MP High Court on Bulldozer Action: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर स्थित मौनी बाबा आश्रम के पास की जमीन पर बसे लोगों को हटाने की कार्रवाई पर लगाई रोक, नगर निगम को याद दिलाई सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन..

इंदौरMay 24, 2025 / 10:19 am

Sanjana Kumar

MP high Court Indore

MP high Court Indore

MP High Court on Bulldozer Action: हाईकोर्ट ने नरवल स्थित मौनी बाबा आश्रम के पास की जमीन पर बसे लोगों को हटाने की कार्रवाई पर स्टे जारी कर दिया है। हाईकोर्ट जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की खंडपीठ ने नगर निगम को कहा है कि मकानों और निर्माणों पर बुलडोजर चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किए बगैर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। गाइडलाइन का पालन नहीं हो जाता, तब तक नगर निगम की कार्रवाई को रोक दिया गया।

ये है मामला

निगम ने सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के नरवल स्थित एक सड़क के निर्माण में बाधक निर्माणों को बीते सप्ताह नोटिस जारी किए थे। प्रभावितों में से आधा दर्जन लोग हाईकोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने कोर्ट में निगम की कार्रवाई को गलत बताया था। सुनवाई के दौरान उनके वकीलों ने कहा था कि नगर निगम रिमूवल के लिए बीते दिसबंर माह में सुप्रीम कोर्ट ने जो गाइडलाइन जारी की थी, उसका पालन नहीं कर रहा है।

कोर्ट ने स्पष्ट किए ये बिंदु

इसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लेख करते हुए साफ कहा कि नगर निगम इसका पालन करे बगैर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

ऐसे नोटिस की सेवा की तारीख से 15 दिनों के भीतर, जो भी बाद में हो, वापस किए जाने वाले पूर्व कारण बताओ नोटिस के बिना कोई विध्वंस नहीं किया जाना चाहिए।
नोटिस मालिक या कब्जाधारी को पंजीकृत डाक से द्वारा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, नोटिस को प्रश्नगत संरचना के बाहरी हिस्से पर भी स्पष्ट रूप से चिपकाया जाएगा।

ऊपर बताए गए 15 दिनों के नोटिस का समय सूचना की प्राप्ति की तारीख से शुरू होगा।
बैकडेटिंग के किसी भी आरोप को रोकने के लिए, हम निर्देश देते हैं कि जैसे ही कारण बताओ नोटिस विधिवत रूप से तामील हो जाए, इसकी सूचना जिले के कलेक्टर कार्यालय को ईमेल द्वारा डिजिटल रूप से भेजी जानी चाहिए और कलेक्टर के कार्यालय से मेल की प्राप्ति की पुष्टि करते हुए एक ऑटो जनरेटेड उत्तर भी जारी किया जाना चाहिए। कलेक्टर एक नोडल अधिकारी को नामित करेंगे।

नोटिस में ये जानकारी होनी जरूरी

–अवैध निर्माण की प्रकृति।

–उल्लंघन का विवरण और तोड़फोड़ का आधार।

–उन दस्तावेजों की सूची, जो नोटिस प्राप्तकर्ता को अपने उत्तर के साथ प्रस्तुत करने की आवश्यकता है।
–नोटिस में वह तिथि भी होगी, जिस दिन व्यक्तिगत सुनवाई तय की गई है और वह नामित अधिकारी जिसके समक्ष सुनवाई होगी।

व्यक्तिगत सुनवाई में ये करना होगा

-नामित प्राधिकारी संबंधित व्यक्ति को व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर देगा।

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